भुवनेश्वर में 22 भारतीय भाषाओं के युवा साहित्यकार हुए पुरस्कृत

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कला प्रतिनिधि, इंदौर स्टूडियो। साहित्य अकादेमी द्वारा युवा साहित्य पुरस्कार 2024 भुवनेश्वर का आयोजन उत्कल विश्वविद्यालय में मौजूद महाराज कृष्ण चंद्र गजपति प्रेक्षागृह में हुआ। सभी को पुरस्कार स्वरूप एक उत्कीर्ण ताम्रफलक तथा 50,000/- रुपए की सम्मान राशि प्रदान की गई। इस समारोह में अध्यक्ष माधव कौशिक द्वारा युवा साहित्य पुरस्कार प्रदान किए गये। पुरस्कार समारोह के मुख्य अतिथि अंग्रेज़ी विद्वान, साहित्यकार और पत्रकार जेरी पिंटो थे। साहित्य अकादेमी की उपाध्यक्ष कुमुद शर्मा ने समापन और साहित्य अकादेमी के सचिव के. श्रीनिवासराव ने स्वागत वक्तव्य दिये।युवा प्रतिभा,आशा और उत्साह का संचार: समारोह के प्रारंभ में सचिव के.श्रीनिवासराव ने कहा कि युवा प्रतिभा हमारे दिलों में आशा और उत्साह का संचार करती है। यही कारण है कि दुनियाभर  में विशेष उपलब्धियां पाने वाले हमेशा युवा ही रहे हैं। उन्होंने साहित्य अकादेमी द्वारा युवा लेखकों के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं का भी उल्लेख किया। साहित्य अकादेमी के अध्यक्ष माधव कौशिक ने कहा कि यहां पुरस्कृत युवा लेखक केवल अपनी भाषा के रचनाकार ही नहीं बल्कि अपनी- अपनी भाषा को बचाए रखने वाले सेनापति भी हैं। उन्होंने कहा, युवा लेखकों को भारतीय ज्ञान परंपरा के साथ भी जुड़ना चाहिए क्योंकि आज उनके पास इसको समझने के हजारों साधन उपलब्ध हैं।व्यापक अनुवाद की आज ज़रूरत: समारोह के मुख्य अतिथि जेरी पिंटो ने कहा कि युवा लेखन की पहुंच और सफलता के लिए उसके व्यापक अनुवाद की ज़रूरत है। उन्होंने इस बात ज़ोर दिया कि अनुवाद अंग्रेज़ी के साथ ही विभिन्न भारतीय भाषाओं में होना चाहिए। उन्होंने किताबों को विचारों का बीज बताते हुए कहा कि आगे चलकर यह किताबें ही  विचारों के एक जंगल में बदल जाती हैं। उपाध्यक्ष कुमुद शर्मा ने कहा कि साहित्य अकादेमी युवा दिवस यानि विवेकानंद जी के जन्म दिन पर ही इस अर्पण समारोह का आयोजन करती है अत: हमें उनके विचारों को अपने जीवन में भी समाहित करना चाहिए। 22 युवा लेखक हुए पुरस्कृत: अर्पण समारोह में आज 22 युवा लेखक पुरस्कृत किए गए। कश्मीरी और संस्कृत के लेखक किसी कारणवश पुरस्कार ग्रहण करने नहीं आ सके। हिंदी के लिए  पुरस्कार गौरव पाण्डेय के कविता संग्रह ‘स्मृतियों के बीच घिरी है पृथ्वी’ को प्रदान किया गया। अंग्रेज़ी के लिए के. वैशाली की पुस्तक होमलेस ग्रोइंग अप लेसबियन एंड डिस्लेक्सिक इन इंडिया,पंजाबी के लिए रणधीर के कविता-संग्रह ख़त जो लिखणो रह गए तथा उर्दू के लिए जावेद अंबर मिस्बाही  के कहानी-संग्रह स्टेपनी को युवा साहित्य पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया है।पुरस्कार 2024 प्राप्त अन्य लेखक– असमिया – नयनज्योति शर्मा,जाल कोटा जुई (कहानी-संग्रह), बाङ्ला – सुतपा चक्रवर्ती, देराजे हालुद फुल, गताजन्मा (कविता-संग्रह), बोडो- सेल्फ् मेइड् राणी बर’ साइख्लुम (कहानी-संग्रह), डोगरी- हीना चौधरी, इक रंग तेरे रंगें चा (कविता-संग्रह),  गुजराती- रिंकु राठोड़ ‘शर्वरी’, ….तो तमे राजी? (कविता-संग्रह), कन्नड- श्रुति बी. आर ज़ीरो बैलेंस (कविता- संग्रह ),कोंकणी – अद्वैत चंद्रकांत साळगांवकार,पेडण्याचा सामारां (निबंध-संग्रह), मैथिली – रिंकी झा ऋषिका,नदी घाटी सभ्यता (कविता-संग्रह), मलयालम- श्यामकृष्णन आर,मीशाक्कल्लन (कहानी-संग्रह), मणिपुरी- वाइखोम चिंगखेइंगनबा,अशिबा तूरेल (कविता-संग्रह), मराठी- देवीदास सौदागर, उसवण (उपन्यास), नेपाली- सूरज चापागाईं,क्यानभासको क्षितिज (कविता-संग्रह), ओडिआ- संजय पांडा,हु बाइआ (कहानी-संग्रह), राजस्थानी- सोनाली सुथार,सुध सोधूं जग आंगणै (कविता-संग्रह), संताली- अंजन करमाकर,जंगबहा (कविता-संग्रह), सिंधी – गीता प्रदीप रुपाणी,पेपर पर्या (लेख-संग्रह),तमिऴ – लोकेश रघुरामन,विष्णु वंधार (कहानी-संग्रह),तेलुगु- रमेश कार्तिक नायक, धावळो (कहानी-संग्रह)। आगे पढ़िये – विंध्य फिल्म फेस्टिवल में फीचर फिल्म अशांतम् सर्वश्रेष्ठ https://indorestudio.com/film-ashantam-ko-award/

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