बच्चों की कार्यशाला में ‘जामुन का पेड़’ और ‘कर्णभारम’

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इंदौर स्टूडियो, कला प्रतिनिधि। सीधी में इन्द्रवती नाट्य समिति लगातार बच्चों की नाट्य कार्यशालाओं और उनके मंचनों का आयोजन करती आ रही है। हाल ही में यहाँ पर दो बाल नाट्य कार्यशालाएं अलग-अलग आयोजित की गई। इनमें 30 से अधिक बच्चों ने भाग लिया। पहली 30 दिवसीय निःशुल्क कार्यशाला बैजनाथ सभागार सीधी में और 15 दिवसीय दूसरी कार्यशाला, चन्द्रशेखर पब्लिक स्कूल, टिकरी में आयोजित की गई। सीधी में महाकवि भास रचित नाटक ‘कर्णभारम’ और टिकरी में सुप्रसिद्ध व्यंग्य रचनाकार, कृष्ण चंदर वरदाई की रचना ‘जामुन का पेड़’ नाटक को तैयार किया गया। जामुन के पेड़ में आम आदमी का संघर्ष:  ‘जामुन का पेड़’ में एक आम आदमी का संघर्ष और शासन प्रशासन की निष्क्रियता दिखी जो वर्तमान परिदृश्य को व्यक्त करता है वहीं दूसरी तरफ़ महाभारत के नायक दानवीर कर्ण का जीवन संघर्ष दिखा जिसे जना कुन्ती ने और पाला राधा ने पर जब कर्ण कौरव सेना में शामिल हो जाता है तो पांडवों को बचाने के लिए सामाजिक मर्यादा को भुलाकर कर्ण को अपना पुत्र स्वीकार लेती है इसके बाद भी जब कर्ण नहीं मानता तो कृष्ण इन्द्र को भेजकर सूर्य का दिया हुआ जीवन रक्षा कवच कुंडल भिक्षा में मंगवा लेते हैं। आज भी न जाने कितने कर्ण जाने अनजाने समाज में भटक रहे हैं जिनका कौन जिम्मेदार है, नाटक यही सवाल उठाता है।बाल कलाकारों ने किया सराहनीय अभिनय: ‘जामुन का पेड़’ का निर्देशन किया मनोज कुमार यादव ने तथा सहायक निर्देशन नीरज कुम्भारे ने किया, मंच पर अभिनय किया कपिल शुक्ला, विशांत शुक्ला, आयुष द्विवेदी, शिवम कुशवाहा, सत्यम कुशवाहा, ओम सांई गुप्ता, ओम प्रजापति, शुभम कुशवाहा, माही पनिका, अर्पिता पाण्डेय, अभी तिवारी, राधा सिंह, सौम्या द्विवेदी, अभिषेक कुशवाहा ने। नीरज और रोशनी के निर्देशन में कर्णभारम: ‘कर्णभारम’ का निर्देशन जिले के युवा रंग निर्देशक द्वय नीरज कुंदेर और रोशनी प्रसाद मिश्र द्वारा किया गया। संगीत परिकल्पना रोशनी प्रसाद मिश्र तथा संगीत संयोजन प्रजीत साकेत ने किया । बांसुरी वादन राज बहादुर साकेत व घुंघुरू वादन नीरज कुम्भारे ने किया और प्रकाश परिकल्पना रजनीश जायसवाल का था। मंच पर सराहनीय अभिनय किया अनुभूति कुंदेर,अभिनय कुंदेर,श्रेष्ठ सिंह,ओमकार पाण्डेय,आयुष केशरी,विशाल सिंह,कान्हा मिश्र,जीविका सिंह,आकांक्षा साहू,अमर विश्वकर्मा,आर्यन सिंह,आर्यन डेहेरिया,आदित्य जायसवाल,कंचन साहू,अतुल्य सिंह,ऋषभ तिवारी,रॉबिंशन बाबू मौर्या,प्रखर श्रीवास्तव ने। अतिथियों ने प्रस्तुतियों की प्रशंसा की: नाट्य प्रस्तुतियों के बाद में मुख्य अतिथि डॉ.अनिल कुमार सिंह सत्यप्रिय ने नाट्य प्रस्तुति और आयोजन की सराहना की। कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ.अनूप मिश्र ने कहा कि सीधी का रंगमंच अपनी बड़ी पहचान बना चुका है। विशिष्ट अतिथि विवेक सिंह ने कहा कि सीधी का रंगमंच और साहित्य पहले से काफ़ी समृद्ध हुआ है जिसके कारण हमारे जिले का का गौरव बढ़ा है। इसी तरह अतिथियों ने भी भूरि-भूरि प्रशंसा की। उद्बोधन के बाद प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किया गया। इसके बाद सूर्य प्रकाश सिंह ने सभी अतिथियों व दर्शकों का आभार व्यक्त किया। आयोजन इन्द्रवती नाट्य समिति, प्रायोजन आर्ट ऑन क्लिक तथा प्रबंधन एक्सट्रीम आर्ट एण्ड एजुकेशनल सोसाइटी द्वारा किया गया। विशेष सहयोग मधुसूदन होटल, अभिषेक गुप्ता छोटू साड़ी सरोवर, सतीश गुप्ता गंगोत्री, UCN MAS पब्लिक स्कूल सीधी, चन्द्रशेखर पब्लिक स्कूल टिकरी, ट्रांसफ्रेम,लकी कंप्यूटर सीधी का रहा ।

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