कला प्रतिनिधि, इंदौर स्टूडियो। इन्द्रवती नाट्य समिति एवं यूसीएन पब्लिक स्कूल के संयुक्त तत्वावधान में 2 दिवसीय बाल नाट्य महोत्सव का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में जिला प्रचारक शुभम जी, विवेक सिंह चौहान एवं अजीत केशरवानी ने अतिथि के रूप में शामिल हुए। बाल कलाकारों ने ‘कर्णभारम’ नाटक की प्रस्तुति दी। उनके जादुई अभिनय को देखकर दर्शकों की आँखें भर आईं।मंच पर दानवीर कर्म की कहानी: सूर्य पुत्र कर्ण की दानवीरता की कहानी तो सभी जानते हैं लेकिन जब कोई कहानी मंच पर प्रदर्शित होती है तो उसकी कुछ और ही बात होती है। हम बात कर रहे हैं महाकवि भास विरचित नाटक ‘कर्णभारम’ की। इसका बघेली रूपांतरण नरेंद्र सिंह ने किया और संगीत परिकल्पना एवं निर्देशन नीरज कुंदेर एवं रोशनी प्रसाद मिश्र का है।
बघेली लोक संगीत की सौंधी ख़ुशबू: नाटक में बघेली लोक संगीत की सोंधी खुशबू से सजी प्रस्तुति दर्शकों को मंत्रमुग्ध करने में सफल हुई है। इस नाटक की भारत रंग महोत्सव सहित कई राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय नाट्य महोत्सवों में प्रस्तुतियां हो चुकी हैं। कर्ण कुंती संवाद से नाटक की शुरुआत होती है और इन्द्र के द्वारा छल पूर्वक सूर्य द्वारा दिए गए कवच कुंडल मागकर कर्ण को कमजोर करने की कोशिश की जाती है। कर्ण जानते हुए भी अपने दानवीरता को मरने नहीं देता यानि कि सूर्य द्वारा मना करने पर भी कवच कुंडल दान में दे देता है और युद्ध में अर्जुन के द्वारा मारा जाता है। नाटक में बाल कलाकारों के अभिनय ने दर्शकों को इतना प्रभावित किया कि उनकी आँखों से आँसू बह निकले।
सनातन को बढ़ावा दे रही नाट्य समिति: नाटक के मंचन के बाद अतिथियों ने सम्बोधित किया। जिला प्रचारक शुभम ने कहा कि इन्द्रवती नाट्य समिति बाल रंगमंच के माध्यम से सनातन संस्कृति को बढ़ावा देने का काम कर रही है। युवा समाजसेवी विवेक सिंह ने समिति की सराहना की। उन्होंने कहा कि कर्ण आज नहीं हैं लेकिन उनकी दानवीरता आज भी अमर है जिससे हमे प्रेरणा लेने की जरूरत है।
मंच पर इन कलाकारों का चला जादू: मंच पर दिव्यांश पाण्डेय, अभिनय कुंदेर, श्रेष्ठ सिंह, सारिका निगम, ऋचा मिश्रा, आराध्या सिंह, सूरज साहू, अथर्व सिंह, कान्हा मिश्रा, अमर विश्वकर्मा, कंचन साहू, अकांक्षा माझी, अनुभूति कुंदेर, अदिति पाण्डेय, अमृता लक्ष्मी यादव, आदित्य जायसवाल, अतुल्य सिंह, ऋषभ तिवारी, अकांक्षा साहू, जीविका सिंह, प्रखर श्रीवास्तव, समर्थ पाण्डेय, रिया मिश्रा, आर्यन सिंह, आर्यन डेहरिया, सुयश धर द्विवेदी ने अभिनय किया। प्रकाश परिकल्पना रजनीश जायसवाल की थी तथा संगीत प्रजीत साकेत ने किया। कार्यक्रम में सहयोग रूचि सिंह, काजल पाण्डेय, भूपेन्द्र पटेल, निर्भय द्विवेदी का रहा। अंत में प्रदर्शन सूर्य प्रकाश सिंह ने आभार व्यक्त किया। इंदौर स्टूडियो की कीजिये मदद, दीजिये अपना योगदान – https://indorestudio.com/donate/