कला प्रतिनिधि, इंदौर स्टूडियो। जी-20 नेताओं के शिखर सम्मेलन के अवसर पर भारत मंडपम में जनजातीय शिल्प कला और उत्पादनों की एक विशिष्ट प्रदर्शनी अतिथियों के आकर्षण का केंद्र रही। प्रदर्शनी में कई तरह की कला कृतियां, पेंटिंग्स, मिट्टी के बर्तन, वस्त्र, जैविक और प्राकृतिक उत्पादनों को शामिल किया गया। यह प्रदर्शनी जनजातीय कार्य मंत्रालय की ‘ट्राइबल को-ऑपरेटिव मार्केटिव डेवलपमेंट फेडेरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड’ (ट्राइफेड) ने ट्राइब्स ‘इंडिया पवेलियन’ में आयोजित की । पिथौरा कला का जीवंत प्रदर्शन: इस प्रदशर्नी में इसमें गुजरात और मध्यप्रदेश की जनजातियों की पिथौरा कला का जीवंत रूप से प्रदर्शन हुआ। पिथौरा कला के विख्यात कलाकार पद्मश्री परेश राठवा भी यहां मौजूद रहे। इसके साथ ही गुजरात तथा मध्य प्रदेश की राठवा, भिलाला, नाइक और भील जनजातियों की समृद्ध कला का प्रदर्शन भी किया गया। मध्य प्रदेश की गोंड पेंटिंग,ओडिशा के कलाकारों की बनाई सौरा पेंटिंग, बोध और भूटिया जनजातियों के बुने लेह-लद्दाख और हिमाचल प्रदेश के अंगोरा और पश्मीना शॉल और नागालैंड के कोन्याक जनजातियों के रंग-बिरंगे आभूषण भी इस प्रदर्शनी का हिस्सा बने। एमपी की महेश्वरी सिल्क साड़ियां: मध्य प्रदेश की समृद्ध महेश्वरी सिल्क की साड़ियां धार्मिक उत्सवों और शुभ अवसरों के दौरान पहनी जाती हैं। इंडिया पवेलियन में इसे भी स्थान मिला। इसके अलावा, असम की बोडो जनजातियों की बनाई गई एरी या ‘मिलेनियम सिल्क’ भी प्रदर्शनी को एक नया आयाम दे रही। धातु और काँच की शिल्प कला: प्रदर्शनी में पिघली हुई धातुओं, रंगीन कांच के टुकड़ों, मोतियों, लकड़ी की गेंदों से बने ढोकरा आभूषण भी अपनी स्वदेशी पहचान और मोहकता के साथ नज़र आये। पश्चिम बंगाल, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के जनजातीय कारीगर इन मूलभूत कलाकृतियों के वास्तुकार हैं। राजस्थान के मीणा जनजातीय कारीगरों द्वारा धातु अंबाबारी शिल्प में लावण्य और सुंदरता को बहुत ही खूबसूरती से उकेरा गया है। इन शिल्प कला उत्पादों को एनामेलिंग का उपयोग करके तैयार किया जाता है जो धातु की सतह को विभिन्न रंगों से रंगने या सजाने की कला है जिसमें सतह पर फूलों, पक्षियों आदि के कोमल डिजाइन बनाए जाते हैं। यह उन घरों को एक अनूठा पारंपरिक लावण्य और खूबसूरती प्रदान करते है जिनको इस कला से सजाया जाता हैं।प्राकृतिक उत्पाद और मसाले: प्रदर्शनी में आंध्र प्रदेश, गुजरात, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र जैसे राज्यों के प्राकृतिक उत्पाद भी आकर्षण का केंद्र बने। इन राज्यों के नेचुरल उत्पादों में कॉफी, शहद, काजू, चावल, मसाले जैसे कई प्रमुख उत्पाद भी प्रदर्शनी में रखे गये। आपको बता दें जी 20 शिखर सम्मेलन के लिये ख़ास तौर पर तैयार किया गया दिल्ली का भारत मंडपम देश का सबसे बड़ा इनडोर हॉल है। इस हॉल में आज से दुनिया के बड़े-बड़े राष्ट्राध्यक्ष एक ही हॉल के नीचे नज़र आए। 9-10 सितंबर तक इस मंडपम पर दुनिया भर की निगाहें रहीं। (इनपुट:पीआईबी) आगे पढ़िये –