कला प्रतिनिधि (इंदौर स्टुडियो डॉट कॉम)। भोपाल में तीन अक्टूबर से पांच दिवसीय नाट्य महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। उत्सव के तहत स्थानीय रविन्द्र भवन में हर शाम सात बजे से नाटकों का मंचन होगा। महोत्सव में इस बार उन नाटकों की प्रस्तुति होगी जिन्हें इस साल राजधानी के दर्शकों ने सबसे ज़्यादा पसंद किया है।
भोपाल में अनुदान प्राप्त संस्थाओं और सरकारी विभागों के अलावा अव्यवसायिक रंगकर्मियों के ये जुनून का ही परिणाम है कि यहां दो दर्जन से अधिक नाट्य उत्सव आयोजित किये जाते हैं। अविराम भी एक ग़ैर अनुदान प्राप्त संस्था है जिसके निर्देशक सुनील राज तीन दशकों से भी अधिक समय से सक्रिय रंगकर्म कर रहे हैं, ये उनका रंगकर्म के प्रति समर्पण ही है जो बिना किसी सरकारी सहायता के न सिर्फ खुद रंगकर्म कर रहे हैं बल्कि ” महोत्सव ” का आयोजन कर अन्य निर्देशकों के नाटकों को भी मंच दे रहे हैं। इस बार अविराम महोत्सव की परिकल्पना में उन नाटकों का चयन किया गया है जिन्हें इस वर्ष दर्शकों ने खासा पसंद किया और जिन नाटकों को अधिक से अधिक फेस्टिवल्स में शामिल किया गया ! इन पांचों चयनित नाटकों की विशेषता ये भी है कि इनके लेखक ही इनके निर्देशक भी हैं ! अविराम महोत्सव में पहले दिन सुनील राज के निर्देशन में ” संबोधन ” की प्रस्तुति होगी , चार अक्टूबर को सतना मध्य प्रदेश के निर्देशक प्रसन्न सोनी द्वारा निर्देशित नाटक ” लव स्टोरी नहीं है ” का मंचन होगा , पांच अक्टूबर को युवा रंग निर्देशक वसीम अली का प्रसिद्ध नाटक ” लछिया ” मंचित होगा , छह अक्टूबर को ” मेरे बाद ” की प्रस्तुति होगी जिसे तारिक़ दाद ने निर्देशित किया है , सात अक्टूबर की अंतिम शाम सुनील राज के हास्य नाटक ” मैं भी माँ बन गया ” से समारोह का समापन होगा । रंग अविराम नाट्य महोत्सव में विभिन्न क्षेत्रों के कला मनीषियों का सम्मान भी किया जाएगा।