शकील अख़्तर, इंदौर स्टूडियो। दिल्ली में संपन्न हुए 19 वें महिन्द्रा एक्सलेंस इन थियेटर अवार्ड्स (META) में बिद्युत कुमार के नाटक ‘रघुनाथ’ पर मेटा पुरस्कारों की बरसात हुई है। इस असमिया नाटक ने सर्वश्रेष्ठ प्रॉडक्शन के साथ ही कुल 6 पुरस्कार हासिल किये हैं। यह नाटक थियेटर के कई दिग्गजों की प्रस्तुतियों पर भारी पड़ा। यहां यह जानना दिलचस्प होगा कि रघुनाथ के नाट्य कलाकारों की टीम असम के नागांव की है। उन्होंने पहली बार में ही राष्ट्रीय स्तर पर इतनी बड़ी सफलता हासिल की है। इस समारोह में प्रख्यात अभिनेता, निर्देशक और नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा के पूर्व निदेशक पद्मश्री राम गोपाल बजाज को लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। आयोजन की यह विशेष बात रही।श्री बजाज को लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड: अपने उदबोधन में वयोवृद्ध रंग दिग्गज श्री बजाज ने सभी के कृतज्ञता ज्ञापित की। उन्होंने कहा, मैं उनका भी आभारी हूं जिन्होंने मुझे इस अवॉर्ड के योग्य पाया है। हालांकि सच तो ये है कि हम में से अकेला कोई कुछ भी नहीं। हमारी उपलब्धियों के पीछे हमारे माता-पिता,पालक और बहुत से संस्कार आदि होते हैं। गौरतलब है कि श्री बजाज के शानदार करियर ने उन्हें कई पुरस्कार दिलाए हैं। इन पुरस्कारों में 1996 में पद्मश्री और नाट्य कला में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए 2003 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार शामिल हैं। (अवार्ड ग्रहण करने के बाद श्री बजाज महिन्द्रा ग्रुप के उपाध्यक्ष श्री जय शाह के साथ।)बिद्युत ने कई दिग्गजों को पीछे छोड़ा: बिद्युत कुमार नाथ के नाटक ‘रघुनाथ’ ने सर्वश्रेष्ठ निर्देशन, सर्वश्रेष्ठ ओरिजनल स्क्रिप्ट, सर्वश्रेष्ठ स्टेज डिज़ाइन, सर्वश्रेष्ठ लाइट डिज़ाइन और सर्वश्रेष्ठ अभिनेता (पुरूष) का पुरस्कार भी जीता है। नाटक में मुख्य भूमिका निभाने के साथ ही इसका निर्देशन भी बिद्युत कुमार नाथ ने किया है। पुरस्कारों की बरसात के बीच बिद्युत कुमार अवार्ड लेने छह बार मंच पर आये। जीत की हर घोषणा पर विस्मित हुए। पहले प्रयास में नाटक को मिली इस बड़ी सफलता और मान्यता के लिये उन्होंने बड़ी विनम्रता से मेटा अवार्ड्स और दर्शकों के प्रति आभार व्यक्त किया। ( बिद्युत कुमार प्रख्यात सिने अभिनेता कुलभूषण खरबंदा के हाथों अवॉर्ड प्राप्त करते हुए।) तीन नाटकों को मिले दो-दो अवार्ड: दिल्ली के कमानी सभागार में हुए इस पुरस्कार समारोह में हयवदन, डू यू नो दिस सांग और गोपाल उरे एंड कंपनी ने दो-दो पुरस्कार जीते हैं। ग़ौरतलब है कि देश भर से आए 390 में से 10 नाटक 19 वें मेटा अवार्ड्स के लिये नामांकित हुए थे। इसमें असमिया, बांग्ला, अंग्रेजी, हिंदी, हिंदुस्तानी, मलयालम और मराठी जैसी विभिन्न भाषाओं का प्रतिनिधित्व करने वाले नाटक शामिल थे। (नीचे तस्वीर में नाटक हयवदन के कलाकार।)ऑन स्टेज और ऑफ स्टेज पुरस्कार: राष्ट्रीय स्तर पर जिन नाटकों ने मान्यता प्राप्त की है, उनकी पूरी सूची को पढ़ना भी दिलचस्प होगा। आइये जानते हैं ऑन और ऑफ स्टेज किन नाटकों और उनके कलाकारों ने उत्कृष्टता के पुरस्कार हासिल किये। 1.सर्वश्रेष्ठ स्टेज डिज़ाइन – रघुनाथ – बिद्युत कुमार नाथ / 2. सर्वश्रेष्ठ लाइट डिज़ाइन-रघुनाथ-गौतम सैकिया / 3. सर्वश्रेष्ठ ध्वनि और संगीत डिज़ाइन – डू यू नो दिस सांग? – मल्लिका तनेजा / 4. सर्वश्रेष्ठ पोशाक डिजाइन – हयवदन – मेलोडी डोरकास। ( आगे की सूची देखने से पहले इस तस्वीर में देखिये – सर्वश्रेष्ठ साउंड और म्युज़िक डिज़ाइन के पुरस्कार विजेता छयन अधिकारी और बिंदू मालिनी। ) 5. सहायक भूमिका में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता (पुरुष) – गोपाल उरे एंड कंपनी – तरूण भट्टाचार्य 6. सहायक भूमिका में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता (महिला) – गोपाल उरे एंड कंपनी – निबेदिता मुखोपाध्याय / हयवदन – पल्लवी जाधो / 7. मुख्य भूमिका में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता (पुरुष) – रघुनाथ – बिद्युत कुमार नाथ / 8. मुख्य भूमिका में सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री (महिला) – डू यू नो दिस सांग? – मल्लिका तनेजा / घंटा घंटा घंटा घंटा घंटा-मल्लिका सिंह हंसपाल / 9. सर्वश्रेष्ठ कोरियोग्राफी – अग्निसुता द्रौपदी – मैसनाम जॉय मीतेई और महक / 10.सर्वोत्तम पहनावा – हयवदन / 11. सर्वश्रेष्ठ मूल स्क्रिप्ट-रघुनाथ- बिद्युत कुमार नाथ / 12. सर्वश्रेष्ठ निर्देशक- रघुनाथ – बिद्युत कुमार नाथ / 13. सर्वश्रेष्ठ प्रोडक्शन-रघुनाथ। ( नीचे की तस्वीर में सर्वश्रेष्ठ अभिनय के अवार्ड्स हासिल करने वाली अभिनेत्रियां मल्लिका तनेजा और मलिका सिंह हंसपाल प्रख्यात थियेटर और फिल्म अभिनेता विनय पाठक के साथ।) थियेटर बिरादरी का रेड कार्पेट जश्न: महिन्द्रा ग्रुप द्वारा स्थापित और टीमवर्क आर्ट्स द्वारा संयोजित इस पुरस्कार समारोह में थियेटर बिरादरी का रेड कार्पेट स्वागत हुआ। समारोह को सम्बोधित महिंद्रा समूह के सांस्कृतिक आउटरीच के उपाध्यक्ष और प्रमुख जय शाह और टीम आर्ट्स एंड फेस्टिवल के प्रबंध निदेशक संजय के रॉय ने सम्बोधित किया। श्री जय शाह ने कहा – ‘19 वें मेटा उत्कृष्टता में देश भर से बेहतरीन नाटकों को मंच पर लाने का प्रयास हुआ है। सभी प्रविष्टियाँ धैर्य, निपुणता और प्रतिभा का प्रमाण हैं’। (इस तस्वीर में टीम आर्ट्स एंड फेस्टिवल के प्रबंध निदेशक संजय के रॉय।)भारतीय रंगमंच जीवित और सक्रिय: अपने सम्बोधन में श्री रॉय ने कहा, ‘भारतीय रंगमंच जीवित है और सक्रिय है । इसमें सामाजिक चुनौतियों, सच्चाइयों और आकांक्षाओं को प्रतिबिंबित करने का सफ़र जारी है। यह अन्य कला माध्यमों के लिये संभव नहीं। 19वां मेटा भारतीय रंगमंच की विविधता, लोकप्रिय अपील और रचनात्मक अभिव्यक्ति का प्रमाण है। सभी भाषाओं के शोज़ को दर्शकों का जमकर प्रतिसाद भी मिला’। (नीचे तस्वीर में सेलेक्शन कमेटी के अमिताभ श्रीवास्तव और अजित राय नाटक ‘रघुनाथ’ के लिये गौतम सेकिया को सर्वश्रेष्ठ लाइट डिज़ाइन का अवॉर्ड प्रदान करते हुए।)
मेटा 24 की इस सीज़न की जूरी: आपको बता दें कि META 2024 के इस सीज़न की जूरी में क्रमश: रंगमंच की अभिनेत्री, कास्टिंग निर्देशक और लेखिका डॉली ठाकोर, प्रख्यात अभिनेता कुलभूषण खरबंदा, प्रख्यात निर्देशक, अभिनेता, नाटककार महेश दत्तानी, प्रसिद्ध अभिनेता, संगीतकार और गायक रघुवीर यादव; सेरेन्डिपिटी आर्ट्स फाउंडेशन और फेस्टिवल की निदेशक स्मृति राजगढ़िया और फिल्म अभिनेता विनय पाठक शामिल हुए। कला और कलाकारों के बारे में पढते रहिये – https://indorestudio.com/