पुष्कर सोनी, इंदौर स्टूडियो। कविता पाठ, संगीत और चित्रकला के त्रिवेणी संगम के साथ इंदौर में कवि प्रो. चंद्रकांत देवताले को याद किया गया। ‘पानी का दरख़्त’ नाम से इस कार्यक्रम का आयोजन संस्था ‘कला स्तंभ’ ने स्थानीय अभिनव कला समाज में किया। इस यादगार और अनूठे कार्यक्रम में संस्कृतिकर्मी आलोक वाजपेयी ने कविताओं का पाठ किया, स्व.देवताले की सुपुत्री और मशहूर वायलिन वादक अनुप्रिया देवताले ने संगत की और प्रख्यात चित्रकार सिरज सक्सेना ने कैनवास को सबके सामने, अपने अनूठे चित्र भावों से रंग दिया।
साकार हुई कार्यक्रम की अनूठी कल्पना: इस कार्यक्रम की संकल्पना सुश्री अनुप्रिया देवताले ने ही की थी। यह कल्पना इतनी खूबसूरती के साथ साकार हो सकती है, यह संगीत, साहित्य और कला के प्रेमियों ने सोचा न था। श्री देवताले की रचनाओं को सुश्री अनुप्रिया के मनमोहक वायलिन वादन ने जहां भावपूर्ण बनाया, वहीं आलोक वाजपेयी ने कविताओं के एक-एक शब्द को अपने पाठ से जीवंत कर दिया।
संगीत ट्रैक्स ने किया माहौल को शब्दातीत: इन कविताओं के पार्श्व में जीवेश आनंद के तैयार संगीत ट्रैक्स ने माहौल को शब्दातीत बना दिया। शब्द और सुरों के इस समन्वयन के बीच चित्रकार सीरज सक्सेना की चित्रकारी ने शब्दों को अनुभूती के नये स्तर पर पहुँचा दिया। यह सबकुछ इंदौर में दर्शकों के लिये एक अलग अनुभव बन गया।
दर्शकों को समय का पता ही नहीं चला: भावों की निर्मिति में किसी तरह की रूकावट न होने की वजह से, कार्यक्रम में दर्शक इस तरह बंध गए कि उन्हें समय का पता ही नहीं चला। दर्शकों की करतल ध्वनि से ही आभास होता रहा कि कार्यक्रम हाउसफुल सभागार में हो रहा है। कार्यक्रम को विषय वस्तु के हिसाब से तीन भागों में बांटा गया था।
सुश्री जयश्री ने देवताले जी को किया याद: शुरूआत में पत्रकार सुश्री जयश्री पिंगले ने स्व. देवताले जी को बेहद रोचक अंदाज़ में याद किया। कुछ ख़ास संस्मरण सुनाए। इस तरह उन्होंने कार्यक्रम की भाव भूमि बना दी। कार्यक्रम के अंतिम हिस्से में श्री जीवेश आनंद ने स्व. देवताले के साथ बिताए पलों को याद किया। आयोजन में श्री देवताले को चाहने वाले साहित्यकार, संगीत प्रेमी एवं कलाकार उपस्थित थे। कई कलाकारों का आपस में लंबे समय बाद मिलना हुआ।
दीप प्रज्जवल और स्वागत-सत्कार: कार्यक्रम के प्रथम चरण में वरिष्ठ कवि सर्वश्री सरोज कुमार, नर्मदा प्रसाद उपाध्याय, पद्मश्री भालू मोंढे, श्री जयंत भिसे एवं श्री सत्यनारायण व्यास ने कलाकारों के साथ दीप प्रज्वलन किया। आयोजक संस्था कवि चंद्रकांत देवताले साहित्य – संगीत संस्थान की ओर से सुश्री अनुप्रिया देवताले एवं सहयोगी संस्थाओं सूत्रधार, कला स्तंभ एवं मप्र हिंदी साहित्य सम्मेलन की इंदौर इकाई की ओर से श्री सत्यनारायण व्यास, पुष्कर सोनी एवं आलोक बाजपेयी ने स्वागत किया। अंत में आभार प्रदर्शन सुश्री अनुप्रिया देवताले ने किया। आगे पढ़िये – सितार वादकों की तस्वीरों के बीच मुस्कुराती दीपा तनवीर – https://indorestudio.com/sitar-vadakon-ke-potraits/









