कला प्रतिनिधि, इंदौर स्टूडियो। दिल्ली के इंडिया हैबीटेट सेंटर में इशारा अंतरराष्ट्रीय कठपुतली थिएटर महोत्सव का शुभारंभ 21 फरवरी से होगा। 2 मार्च तक चलने वाले इस महोत्सव में दुनिया भर के कठपुतली कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे। महोत्सव का यह 21 वां साल है।हम दुनिया को आपके पास लेकर आये हैं: ‘द इशारा कठपुतली थिएटर ट्रस्ट’ की निदेशक दादी डी. पुदुमजी ने कहा, हम दुनिया को आपके पास लेकर आए हैं। भारत में यह अपनी तरह का इकलौता महोत्सव है। इस महोत्सव में अमेरिका के साथ ही यूरोपीय महाद्वीप, अफ्रीका, मध्य पूर्व, रूस, दक्षिण पूर्व एशिया और कई दूसरे देशों के आधुनिक और पारंपरिक कठपुतली कलाकारों के शोज़ हम देख सकेंगे।
वैश्विक कठपुतली कलाकारों का महोत्सव: महोत्सव के प्रोड्यूसर, टीमवर्क आर्ट्स के प्रबंध निदेशक संजय के. रॉय के मुताबिक, यह महोत्सव 2001 में शुरू हुआ था। इसमें वैश्विक कठपुतली कलाकारों को अपनी कहानियों, परंपराओं और शिल्प को साझा करने का अवसर मिलता है। यह महोत्सव न सिर्फ इस प्राचीन कला रूप का जश्न मनाता है, बल्कि सांस्कृतिक समझ और कलात्मक प्रशंसा को भी बढ़ावा देता है।इस बार कठपुतली महोत्सव में कई देखने वाले शोज़ होंगे। इनमें से कुछ का विवरण इस तरह से है।
पे अटेंशन टू देज़ टू, इटली -21 फ़रवरी: शरारती जोड़ी, गिउलिओ और फैबियोला की विशेषता वाला एक मज़ेदार संगीतमय शो, जो चुटकुलों और हंसी से भरे एक रोमांचकारी साहसिक कार्य पर निकलता है। प्रदर्शनकर्ता: कॉम्पेनिया ला फैबियोला, निर्देशक: निवेस वाल्सेची और जियानकार्लो कैसाती।
वोलार वोलार,टू फ्लाई,मेक्सिको -22 फ़रवरी: कठपुतली ग्रेटा का अनुसरण एक विचारोत्तेजक यात्रा पर करें जो अवलोकन और दृढ़ता की शक्ति को उजागर करती है। प्रदर्शनकर्ता: लोर्मिगा टिटेरेस, निर्देशक: ऐलिन रुइज़ और सरीना पेड्रोज़ा। थिएटर इन द पॉकेट, रूस-23 फरवरी: जीवंत कठपुतलियों, जीवंत संगीत और अविस्मरणीय विगनेट्स की विशेषता वाला एक इंटरैक्टिव स्ट्रीट थिएटर अनुभव। प्रदर्शनकर्ता: मैजिक हैट, निर्देशक: मारिया ओरलोवा।
द रॉक, तुर्की – 25 फरवरी: एक प्रेरणादायक कहानी पर एक आधुनिक मोड़, यह दर्शाता है कि कैसे एक सरल समाधान एक प्रतीत होने वाली दुर्गम समस्या को दूर कर सकता है। प्रदर्शनकर्ता: उकेनलर कुक्लावी (फ्लाइंग हैंड्स पपेट थिएटर), निर्देशक: थियोडोरा पोपोवा लाज़ोरोवा। सी ऑफ पॉसिबिलिटीज,पोलैंड-27 फरवरी: कोबी यामाडा की चित्र पुस्तक ‘मेब’ से प्रेरित एक मंत्रमुग्ध कर देने वाला गैर-मौखिक संगीत प्रदर्शन। प्रदर्शनकर्ता: फंडाक्जा ग्रा/नाइस, निर्देशक: आगा ब्लास्ज़क।
मंकी एंड द क्रोकोडाइल,भारत-28 फरवरी: एक कालातीत भारतीय लोककथा का एक रमणीय रूपांतरण, जिसे जीवंत कठपुतली और संगीत के साथ जीवंत किया गया। प्रदर्शनकर्ता: पपेट स्टूडियो इंडिया, निर्देशक: मनीष राम सचदेवा।
लाइफ, विदा- स्पेन, 2 मार्च : यह अंतरंग प्रदर्शन मानवता का एक रूपक प्रदान करता है, जो हमें संदेश देता है कि जीवन में हमेशा आगे बढ़ना चाहिए, क्योंकि अतीत में लौटने का कोई मौका नहीं है। प्रदर्शनकर्ता: कॉम्पेनिया जेवियर अरंडा टेट्रो वाई टिटेरेस, निर्देशक: जेवियर अरंडा। आगे पढ़िये – भारंगम 2025 में छात्र प्रस्तुतियों ने भी आशा जगाई – https://indorestudio.com/bharangm-2025-me-chatra-prastuti/