एक भारतीय प्रेम कहानी की याद में निर्वाण फिल्म फेस्टिवल

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अजित राय, इंदौर स्टूडियो। दक्षिणी फ्रांस के ऐतिहासिक शहर सेंट ट्रोपे में आयोजित निर्वाण फिल्म फेस्टिवल में बड़ी संख्या में फ्रेंच दर्शकों ने भारतीय फिल्मों में रूचि दिखाई है। 19 वीं सदी के तीसरे दशक में अविभाजित पंजाब में एक अद्भुत प्रेम कहानी घटित हुई थी जिसकी यादें आज भी सेंट ट्रोपे शहर के एक बाग में सुरक्षित हैं। यहां महाराजा रणजीत सिंह, फ्रेंच कमांडर ज्यां फ्रांसुआ अलार्ड और उनकी भारतीय पत्नी बन्नू पान देई की मूर्तियां उस प्रेम कहानी की याद दिलाती रहती है। कैसे शुरू हुआ यह ख़ास फेस्टिवल: ज्यां फ्रांसुआ अलार्ड 19 वीं सदी के तीसरे दशक में पंजाब के महाराजा रणजीत सिंह के कमांडर रहे हैं। उन्हीं ज्यां फ्रांसुआ अलार्ड के वंशज हेनरी अलार्ड और उनके बेटे फ्रेडरिक अलार्ड की पहल पर निर्वाण फेस्टिवल की शुरूआत हुई है। इसमेंसट सेंट ट्रोपे की मेयर सिल्वी सीरी, फ्रांस में भारत के राजदूत जावेद अशरफ, फ्रेंच अभिनेत्री मारियान बोर्गो, हिंदुजा उद्योग समूह (यूरोप) के अध्यक्ष प्रकाश पी. हिंदुजा का ख़ास सहयोग है। इनके सहयोग से भारत के चर्चित लेखक पत्रकार डॉ भुवन लाल ने फ्रांस में सिनेमा के माध्यम से भारतीय संस्कृति के प्रचार-प्रसार के लिए यह फेस्टिवल शुरू किया है। फेस्टिवल में आईं कई ख़ास हस्तियां: इस बार भारतीय फिल्म निर्देशक आशुतोष गोवारिकर, जे एंथनी जोसेफ, लीना यादव, मशहूर सिनेमैटोग्राफर असीम बजाज, फिल्म निर्माता कैप्टन गुलाब सिंह, हॉलीवुड की मशहूर वितरक मारी एडलर और ब्रिटिश सांसद लार्ड रैमी रेंजर की यहां खास उपस्थिति रही। कैप्टन गुलाब सिंह ने जोर देकर कहा कि इस तरह के फेस्टिवल दुनिया के उन देशों में जरूर होने चाहिए जिनके साथ भारत के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक रिश्ते हैं।अलार्ड नेपोलियन की सेना के कमांडर: ज्यां फ्रांसुआ अलार्ड फ्रांस के शासक नेपोलियन बोनापार्ट की सेना में एक कमांडर थे। नेपोलियन की मृत्यु के बाद मार्च 1822 में वे ईरान – अफगानिस्तान होते हुए महाराज रणजीत सिंह के दरबार में लाहौर पहुंचे थे। वहाँ उनकी सेना को अंग्रेजों से लड़ने के लिए आधुनिक ढंग से फ्रेंच शैली में प्रशिक्षण दिया था। उन्हें फारसी भाषा का अच्छा खासा ज्ञान था। उन्होंने हिमाचल प्रदेश की राजकुमारी बन्नू पान देई से मार्च 1826 में प्रेम विवाह किया था। हेनरी अलार्ड और उनके बेटे फ्रेडरिक अलार्ड उन्ही ज्यां फ्रांसुआ अलार्ड के वंशज हैं जो भारत से बेइंतहा मुहब्बत करते हैं और चाहते हैं कि दोनों देशों में आपसी रिश्ते लगातार मजबूत होते रहें।फेस्टिवल में भारतीय संस्कृति की झलक: निर्वाण फिल्म फेस्टिवल में भारतीय सिनेमा के साथ साथ भारतीय नृत्य- संगीत, योग और ध्यान, फैशन शो और खान पान को भी शामिल किया गया है। इसलिए फ्रेंच भाषा में इस फेस्टिवल का नाम रखा गया है – ‘ निर्वाण डि फेस्टिवल डेला कल्चर एट डु सिनेमा इंडियन।’ यह फेस्टिवल कान फिल्म समारोह के तुरंत बाद आयोजित किया जाता है। फ़्रेंच रिवेरा में सेंट ट्रोपे शहर समुद्र किनारे कान शहर से करीब  नब्बे किलोमीटर दूर है जहां सड़क या समुद्री मार्ग से एक से डेढ़ घंटे में पहुंचा जा सकता है। यह समारोह पिछले साल शुरू किया गया था लेकिन दूसरे साल में हीं यह इतना लोकप्रिय हो गया कि हर शो फ्रेंच दर्शकों से हाउसफुल हो गया।‘रिर्टन टू पांडिचेरी’ से हुआ शुभारंभ: निर्वाण फिल्म फेस्टिवल का शुभारंभ रघुनाथ मनेत की नई फ्रेंच फिल्म ‘ रिटर्न टु पांडिचेरी’ के प्रीमियर से हुई जिसमें उनके साथ मशहूर फ्रेंच अभिनेत्री मारियान बोर्गो ने मुख्य भूमिका निभाई है। इस फिल्म में केवल एक ही पेशेवर कलाकार हैं फ्रेंच अभिनेत्री मारियान बोर्गो जिन्होंने बहुत उम्दा काम किया है। बाकी सभी दूसरे लोग ऐसे हैं जिन्होंने जिंदगी में कभी अभिनय नहीं किया है और यह उनकी पहली फिल्म है। यह रघुनाथ की भी पहली फीचर फिल्म है। इससे पहले वे ‘डांस आफ शिवा’ नामक वृत्त चित्र और दो शार्ट फिल्में – कर्मा और योग सेवेंथ चक्र बना चुके हैं। रघुनाथ मनेत भारतीय मूल के फ्रेंच वीणा वादक और नर्तक (भरतनाट्यम) है और पेरिस में रहते हैं। वे यहां फ्रेंच युवाओं को भारतीय नृत्य और संगीत की शिक्षा देते हैं। रघुनाथ मनेत का नृत्य और संगीत: फिल्म के प्रदर्शन से पहले रघुनाथ मनेत और उनके शिष्यों ने मनोहारी नृत्य और संगीत प्रस्तुत किया जो भारतीय पौराणिक कथाओं पर आधारित था। अच्छी बात यह थी कि सारी कार्यवाही फ्रेंच में हुई और अंग्रेजी भाषा का कम से कम प्रयोग किया गया। दूसरी फिल्मों में पिछले साल भारत से आस्कर पुरस्कार की आधिकारिक प्रविष्ठि  जे एंथनी जोसेफ की मलयाली फिल्म ‘ 2018 – एवरीवन इज ए हीरो ‘, लीना यादव की हिंदी फिल्म ‘पार्च्ड ‘ और आशुतोष गोवारिकर की हिंदी फिल्म ‘स्वदेश’ फ्रेंच सबटाइटल्स के साथ दिखाई गई। इन सभी फिल्मों के निर्देशक भी यहां मौजूद थे।(अजित राय प्रख्यात फिल्म और कला समीक्षक हैं। दुनिया के प्रमुख फिल्म उत्सवों को वर्षों से कवर कर रहे हैं। साथ ही एक रचनात्मक व्यक्तित्व के रूप में कला के विविध क्षेत्रों में अपना विशिष्ट योगदान दे रहे हैं।) आगे पढ़िये सिनेमैटोग्राफ़र संतोष सिवन से अजित राय की ख़ास बातचीत – https://indorestudio.com/dunia-dekhna-tha/  

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