कला प्रतिनिधि, इंदौर स्टूडियो। रोहतक में नाट्य संस्था ‘सप्तक कल्चरल सोसायटी’ के कलाकारों ने स्कॉलर्स रोजरी स्कूल के सभागार में अपने प्रसिद्ध हास्य नाटक “गधे की बारात” का मंचन किया। नाटक का यह 340 वां मंचन था। विश्वदीपक त्रिखा के निर्देशन में हुए इस नाटक का आयोजन रोटरी क्लब द्वारा किया गया। प्रस्तुति के बाद नाटक के कलाकारों का क्लब की तरफ से सम्मान भी किया गया।व्यवस्था पर करारा व्यंग्य करता है नाटक: इस नाटक को हरिभाई वडगावकर ने लिखा है। नाटक 1975 में लगी इमरजेंसी की पृष्ठभूमि पर है और यह नाटक वर्तमान सामाजिक-राजनीतिक व्यवस्था पर करारा व्यंग्य भी करता है। मूल रूप से मराठी में लिखे गए इस नाटक का हिंदी रूपांतरण रमेश राजहंस और राजेंद्र मेहरा ने किया है। ‘सप्तक’ के कलाकार इस नाटक के 340 मंचन कर चुके हैं जो कि अपने आप में एक रिकॉर्ड है। संभवतः हरियाणा के किसी ग्रुप द्वारा मंचित यह हिंदी का पहला ऐसा नाटक है जिसकी इतनी बड़ी संख्या में प्रदर्शन हुए हैं। ‘सप्तक’ के कलाकारों सशक्त अभिनय: नाटक में कल्लू कुम्हार की मुख्य भूमिका अविनाश सैनी ने निभाई है। बृहस्पति गुरु और चौपट राजा की भूमिका डॉक्टर सुरेंद्र शर्मा ने, इंद्र की भूमिका शक्ति सरोवर त्रिखा ने, दीवान की भूमिका तरुण पुष्प त्रिखा ने, चित्रसेन की भूमिका अनिल शर्मा ने और गंगी की भूमिका चेरी गिरधर ने अभिनीत की। राजकुमारी की भूमिका में मधु आर्य, बुआ जी की भूमिका में उर्वशी विराट, अप्सरा रंभा की भूमिका में मानसी मिगलानी, राजकुमारी की भूमिका में सिमरन जांगड़ा और द्वारपाल की भूमिका में गर्व कोचर ने भी प्रभावित किया। संगीत सुभाष नगाड़ा का रहा। कोरस में गुलाब सिंह खांडेवाल, विकास रोहिल्ला व कविता शर्मा ने अपनी गायकी के रंग बिखेरे। मेकअप अनिल शर्मा ने किया। आगे पढ़िये – https://indorestudio.com/papa-mere-liye-hathi-lene-wale-the/