प्रवीण कुमार खारीवाल, इंदौर स्टूडियो। महादेव की कृपा से ही ‘शिव तांडव स्त्रोत’ के हिंदी अनुवाद के चार पदों के संगीत रचने का अवसर मिला। यह रचना भक्तों को इतनी पसंद आई कि साल भर में ही सम्पूर्ण शिव तांडव स्त्रोत का हिन्दी भावानुवाद बनाया गया। ‘हमारे राम’ के बाद अब हमने आशुतोष राणा और आलोक श्रीवास्तव के साथ शिवभक्तों के लिए एक और अद्भुत प्रस्तुति हिन्दी में ‘रुद्राष्टकम्’ हमने प्रस्तुत की है। साथ ही एक हिंदी फ़ीचर फ़िल्म के साथ कुछ सिंगल्स भी हम लेकर आ रहे हैं। स्टेट प्रेस क्लब के कार्यक्रम में सौरभ: ये जानकारी म्यूज़िक प्रोड्यूसर,राइटर और वॉइस ओवर आर्टिस्ट सौरभ मेहता ने स्टेट प्रेस क्लब, मप्र के ‘संवाद’ कार्यक्रम में दी। बता दें कि सौरभ ने अपने सफ़र की शुरूआत इंदौर के एक एफएम रेडियो स्टेशन से आर जे के रूप में की थी। उन्होंने बताया कि किस तरह 2017 में एक रेडियो सीरीज़ ‘धरोहर विथ आशुतोष राणा’ के दौरान वे उनसे जुड़े। इस सीरीज़ को दो अंतरराष्ट्रीय अवार्ड मिले।
श्री राणा की आदत ने प्रभावित किया: काफी डिटेल में कार्य करने की आदत के कारण आशुतोष राणा प्रभावित हुए और उन्होंने कुछ वर्षों बाद शिव तांडव स्त्रोत के हिन्दी अनुवाद के संगीत निर्माण के लिए उन्हें चुना। श्री राणा एवं आलोक श्रीवास्तव की टीम के साथ नाटक ‘हमारे राम’ सहित उन्होंने बहुत से प्रोजेक्ट भी किए, साथ ही अनेक प्रतिष्ठित कलाकारों जैसे सर्वश्री अनूप जलोटा, कैलाश खेर, सोनू निगम आदि के साथ काम करने का अनुभव मिला।पात्रों की बैक स्टोरी पर करें मेहनत: सौरभ ने विद्यार्थियों को आवाज़ के प्रभावी उपयोग की टिप्स देते हुए बताया कि पात्रों की बैक स्टोरी पर ख़ूब मेहनत करें। सौरभ मेहता ने बताया कि प्रभाव बढ़ाने के लिए बैकग्राउंड आवाज़ों का उपयोग करने और इंटरनेट पर उपलब्ध सैम्पल्स के ठीक तरह से उपयोग में भी कोई बुराई नहीं है। उन्होंने विद्यार्थियों को साहित्य के अध्ययन एवं तकनीकी रूप से ख़ुद को अपग्रेड करते रहने की सलाह भी दी। पहले संगीत उद्योग में लेखन, अरेंजर, संगीत कलाकार आदि बहुत से विभाग होते थे, लेकिन आज ‘म्यूज़िक प्रोड्यूसर’ के अधीन अधिकांश विभाग समा चुके हैं। दस बाय दस के एक कमरे में बैठकर संगीत बनाया जाने लगा है। उन्होंने साथी अनिकेत की गिटार पर संगत के साथ अपनी कविता ‘उल्फ़त के कूचों’ सहित अपने प्रसिद्ध कार्यों की झलक प्रस्तुत की।
राणा की आवाज़ की रेंज प्रशंसनीय: सौरभ मेहता ने आशुतोष राणा की आवाज़ की डायनेमिक रेंज की तारीफ़ की। उन्होंने कहा कि वे बहुत अच्छे से जानते हैं आवाज़ का प्रभाव बरकरार रखते हुए कब-कहाँ उन्हें बहुत धीरे से बात कहनी है और कहाँ चिल्लाने के भाव उत्पन्न करने हैं। सोनू निगम इतने समर्पित कलाकार हैं कि वे रिकॉर्डिंग के बाद उसे एकाधिक बार सुनते हैं और अपनी गायकी को बेहतर करते जाते हैं। वे पिच हो सकने लायक हिस्सों को भी फिर गाने के लिए तत्पर रहते हैं तथा संगीतकार के साथ अपना इनपुट भी देते जाते हैं। प्रोजेक्ट और अपने काम के प्रति शत-प्रतिशत समर्पण इन लोगों को महान कलाकार बनाती है। आगे पढ़िये – भुवनेश्वर में 22 भारतीय भाषाओं के युवा साहित्यकार हुए पुरस्कृत https://indorestudio.com/22-yuva-sahityakar-puraskar/