IFFI2022:IFFI53 ‘डाउन सिंड्रोम’ वाले लोग भगवान के फरिश्ते होते हैं और उनके जीवन के बारे में कई खूबसूरत कहानियां हैं जिन्हें सुना जाना चाहिए। ईरानी फ़िल्म निर्देशक पायम असकंदरी ने यह बात कही। उनकी फ़िल्म ‘नारगेसी; ने भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के 53वें संस्करण में आईसीएफटी-यूनेस्को गांधी पदक जीता है, जो एक ऐसी फिल्म के लिए दिया गया है जो महात्मा गांधी के शांति, सहिष्णुता और अहिंसा के आदर्शों को दर्शाती है।
सिने डेस्क,इंदौर स्टूडियो।यह फिल्म डाउन सिंड्रोम से पीड़ित एक व्यक्ति और उसके जीवन में इसके कारण पैदा होने वाली समस्याओं और परिणामों के बारे में है। इस पुरस्कार विजेता फिल्म में करुणा और कोमलता दो गुण दर्शाए गए हैं। फिल्म में डाउन सिंड्रोम के साथ एक इंसान के संघर्ष को दिखाया गया है, जिसकी सबसे बड़ी तमन्ना सच्चा प्यार पाने और शादी करने की होती है। इसके लिए वह कुछ भी करने का प्रयास करता है। हालांकि ऐसा लगता है कि आज की दुनिया में उसके और उसके प्यार के लिए कोई जगह नहीं है। इसी दौरान एक उपहार उसकी जिंदगी को बदलकर रख देता है। निर्देशक पायम असकंदरी ने अपने वर्चुअल संदेश में इफ्फी के ज्यूरी सदस्यों को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, “यह पुरस्कार प्राप्त करना एक बड़ा सम्मान है, मैं उन लोगों को धन्यवाद देना चाहता हूं जिन्होंने मुझ पर विश्वास किया, इस फिल्म को बनाने के लिए, विशेष रूप से मेरा परिवार – मेरी प्यारी पत्नी और नारगेसी के सभी कलाकार और चालक दल को धन्यवाद देता हूं।” इस वर्ष, आईसीएफटी-यूनेस्को गांधी पदक की प्रतिस्पर्धा में दुनिया भर से नौ फिल्मों का चयन किया गया था। इस श्रेणी की प्रतिस्पर्धा में शामिल फिल्में निम्नलिखित हैं:
- ए टेल ऑफ़ टू सिस्टर्स (बांग्लादेश | 2022)
- फॉर्च्यून (ताजिकिस्तान | 2022)
- मदर (बुल्गारिया | 2022)
- नानू कुसुमा (भारत | 2022)
- नरगेसी (ईरान | 2021)
- पालोमा (ब्राजील, पुर्तगाल | 2022)
- सऊदी वेल्लक्का (भारत | 2022)
- द कश्मीर फाइल्स (भारत | 2021)
- व्हाइट डॉग (कनाडा | 2022)
फिल्म के बारे में: नारगेसी – ईरान । 2021 । फारसी । 84 मिनट । रंगीन-
कलाकार और टीम निर्देशक और पटकथा लेखक: पयाम असकंदरी । निर्माता: शहाब हुसैनी । डीओपी: मोहम्मद नमदार । कलाकार: हुसैन असकंदरी, शहाब हुसैनी, गजल नजर।
निर्देशक के बारे में – पयाम असकंदरी एक युवा ईरानी निर्देशक हैं, जो अपनी फिल्मों ‘नारगेसी’, ‘दि गुड, दि बैड, दि कॉर्नी’ (2017) और ‘मोहे’ (2016) के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने अभिनेता और लेखक के रूप में भी काम किया है।