प्रख्यात निर्देशक प्रसन्ना की इंदौर में 7 जून से दो ड्रामा वर्कशॉप

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विनीत तिवारी, इंदौर स्टूडियो। इंदौर के रंगमंच कलाकारों के लिये जून में नाट्य प्रशिक्षण के बेशक़ीमती दिन आ रहे हैं। रंगकर्म में दिलचस्पी रखने वाले कलाकारों को प्रख्यात नाट्य निर्देशक प्रसन्ना हेगोड़ू अपनी दो कार्यशालाओं के माध्यम से प्रशिक्षण देंगे। 7 से 10 जून तक दोनों ही कार्यशालाएं स्थानीय अभिनव कला समाज में आयोजित होंगी। इन विशिष्ट कार्यशालाओं का आयोजन आयोजन भारतीय जन नाट्य संघ (इप्टा) की इंदौर इकाई ने किया है। रंगमंच के दिग्गज भी शामिल होंगे: दोनों कार्यशालाओं में श्री प्रसन्ना के साथ ही रंगमंच की वरिष्ठ अभिनेत्री फ़्लोरा बोस (बेंगलुरु), सुप्रसिद्ध नाट्य निर्देशक और इप्टा के कार्यकारी अध्यक्ष राकेश (लखनऊ), सुप्रसिद्ध नाट्य निर्देशक और इप्टा के राष्ट्रीय महासचिव  तनवीर अख्तर (पटना) और वरिष्ठ रंगकर्मी वेदा (लखनऊ) भी शामिल होंगे। कार्यशालाओं के दो पोस्टर इप्टा के पदाधिकारियों द्वारा अभिनव कला समाज में जारी किए जा चुके हैं। इन पोस्टरों को इंदौर इप्टा के प्रमोद बागड़ी, विजय दलाल, विनीत तिवारी, सारिका श्रीवास्तव, विवेक मेहता, गुलरेज खान, हेमंत कमल, विवेक और नितिन द्वारा जारी किया गया।  सुबह और शाम को होंगी कार्यशालाएं: एक कार्यशाला 7 जून की शाम 5 बजे से शुरू होगी और 9 जून तक रोज शाम 5 से 8 चलेगी। इस कार्यशाला में रंगमंच से जुड़े वरिष्ठ लोग रंगमंच के सम्मुख मौजूद चुनौतियों, जन रंगमंच के भविष्य और बादल सरकार, हबीब तनवीर, सफ़दर हाशमी जैसे रंगमंच के पुरोधाओं की विरासत पर श्री प्रसन्ना के साथ संवाद करेंगे। दूसरी कार्यशाला 8 जून 2024 को सुबह 8 बजे से 11 बजे तक शुरू होगी और 10 जून तक रोज़ सुबह 8 बजे से 11 बजे तक चलेगी। इसमें श्री प्रसन्ना रंगमंच की वैचारिकी, तकनीकी और रंगमंच से जुड़े अन्य आयामों पर रंगमंच में शामिल नये साथियों को प्रशिक्षण देंगे। 10 जून की शाम, हबीब तनवीर के नाम: पिछले वर्ष ही हबीब तनवीर का शताब्दी वर्ष गुज़रा है, इसलिए 10 जून की शाम हबीब तनवीर के नाम होगी, जिसमें हबीब साहब के साथ चरणदास चोर एवं अन्य नाटकों में प्रमुख अभिनेत्री रहीं पूनम तिवारी (छत्तीसगढ़) अपने दल के साथ हबीब साहब को लोक-सांगीतिक श्रद्धांजलि देंगी। कार्यशालाओं के लिये करें यहां संपर्क: कार्यशालाओं में शामिल होने के लिए देश और प्रदेश के विभिन्न शहरों के रंगकर्मियों के आवेदन आना शुरू हो गए हैं। सीमित स्थानों के चलते इच्छुक प्रतिभागी iptaindore@gmail.com पर मेल द्वारा या 6262221000, 9893192740 पर सम्पर्क कर सकते हैं। आवेदन की अंतिम तिथि 5 जून 2024 है। रंगमंच को ग्रामीण समुदायों से जोड़ा: संगीत नाटक अकादमी सहित अनेक राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय पुरुस्कारों से सम्मानित श्री प्रसन्ना रंगमंच को ग्रामीण समुदायों तक ले जाने और श्रमिकों के साथ रंगमंच को जोड़ने के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने एनएसडी की रेपर्टरी के लिए अनेक यादगार नाटक भी निर्देशित किये। उनके निर्देशित नाटकों में गिरीश कर्नाड का “तुगलक”, ब्रेष्ट का “गैलीलियो का जीवन”, उदय प्रकाश द्वारा अनूदित “लाल घास पर नीले घोड़े”, शेक्सपियर का “हैमलेट” आदि प्रसिद्ध हैं। उनकी लिखी पुस्तक “इंडियन मेथड इन एक्टिंग” दुनियाभर के रंगकर्मियों के बीच मशहूर है। श्री प्रसन्ना रंगमंच में अपनी गहरी रुचि के चलते आईआईटी की पढ़ाई बीच में छोड़कर 1970 के दशक में राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी), दिल्ली से स्नातक हुए।जाने-माने कलाकारों को किया प्रशिक्षित: अभिनय की दुनिया में प्रसन्ना द्वारा प्रशिक्षित विद्यार्थियों में इरफ़ान ख़ान (स्मृति शेष), मीता वशिष्ठ, पंकज त्रिपाठी आदि लोकप्रिय नाम शामिल हैं। वे भारतीय जन नाट्य संघ (इप्टा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं,  जिसे 1943 में होमी जहाँगीर भाभा, बलराज साहनी, चेतन आनंद, पृथ्वीराज कपूर, ख्वाजा अहमद अब्बास, हबीब तनवीर आदि दिग्गजों द्वारा शुरू किया और एक सांस्कृतिक आंदोलन की तरह आगे  बढ़ाया गया था। यह भी उल्लेखनीय है कि 1950 के दशक में इंदौर में इप्टा की इकाई में आनंद मोहन माथुर, नरहरि पटेल, प्रो मिश्रराज, मायारानी मेहरोत्रा, साजन मेहरोत्रा, कामेश सहगल, केकी दाजी आदि अपनी युवावस्था में सक्रिय थे। पढ़ते रहिये – https://indorestudio.com/

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