कला प्रतिनिधि, इंदौर स्टूडियो। सीधी सिनेमा क्लब में इस रविवार फिल्म “कटहल” का प्रदर्शन किया गया जिसे देखकर बच्चों ने जमकर ठहाके लगाए। यह एक व्यंग्यात्मक हास्य फ़िल्म है जो पुलिस पर राजनैतिक दबाव और हमारे सिस्टम की ओर ओर ध्यान खींचती है। फिल्म का लेखन अशोक मिश्र और निर्देशन यशोवर्धन मिश्र ने किया है। फ़िल्म के प्रदर्शन के बाद दोनों बच्चों से बात की। फ़िल्म को लेकर बच्चों की समझ और दिलचस्पी को देखकर दोनों बेहद प्रभावित हुए।कटहल के दो फलों को चुराने की कथा: फिल्म की कहानी कटहल के उस पेड़ की है जिसे अंकल हॉन्ग नाम दिया गया है। कटहल का यह पेड़ एक विधायक मुन्नालाल पटेरिया (विजय राज) के बंगले में लगा है। मगर इस पेड़ के दो फल चोरी हो जाते हैं। मगर इस चोरी की घटना के मामले में पुलिस का पूरा महकमा लगा दिया जाता है। इस केस की कमान इंस्पेक्टर महिमा बसोरन (सान्या मल्होत्रा) को सौंप दी जाती है। सारे किरदार अपने हाल से परेशान: फिल्म की एक खास बात यह भी है कि हर चरित्र की अपनी निजी समस्याएं भी साथ-साथ चल रही हैं जो फिल्म को कॉमिक बना देती हैं जैसे विधायक और दामाद की आपसी झड़प, महिमा का जूनियर से प्यार हो जाना, पत्रकार अनुज (राजपाल यादव) का बार-बार रीटेक लेना। वहीं दूसरी तरफ़ एक लड़की की गुमशुदगी के मामले को छोड़कर पुलिस का कटहल चोरी के मामले में जुट जाना। मगर इंस्पेक्टर महिमा अपनी चतुराई से कटहल की चोरी को लड़की के किडनैपिंग से जोड़ देती है।राम संपत ने दिया कमाल संगीत: निर्देशक शोवर्धन मिश्रा ने कहानी को कॉमिक अंदाज में पेश करने की कोशिश की है। वे उसमें कामयाब रहे हैं। फिल्म में राम संपत का संगीत भी लाजवाब है। उन्होंने जिस तरह से संगीत के माध्यम से कहानी को सपोर्ट किया है उससे फिल्म और भी दिलचस्प हो जाती है। फिल्म का गीत मथुरा में रहना है तो राधे-राधे कहना है, आज की राजनीति पर करारा व्यंग्य है।लेखक,निर्देशक ने की बच्चों से बात: फिल्म के प्रदर्शन उपरान्त पटकथा लेखक अशोक मिश्र और निर्देशक यशोवर्धन मिश्र ने बच्चों से वीडियो कॉल के माध्यम से चर्चा की। उन्होंने बच्चों की उत्सुकता के साथ आयोजन की खूब सराहना की। अशोक मिश्रा ने कहा कि सीधी की कलात्मक गतिविधियों की आज देश में चर्चा हो रही है। अंत में नीरज कुंदेर और एसपी. सिंह ने भी बच्चों से फिल्म को लेकर उनकी प्रतिक्रिया पूछी। फिल्म प्रदर्शन का यह आयोजन सीधी सिनेमा क्लब ने किया। इसकी साझा समिति में इन्द्रवती नाट्य समिति, UCN MAS पब्लिक स्कूल, ट्रांसफ्रेम और आर्ट ऑन क्लिक शामिल हैं। आगे पढ़िये सीधी में जब बच्चों ने देखी फ़िल्म गट्टू, क्या रही उनकी प्रतिक्रिया –