कला प्रतिनिधि, इंदौर स्टूडियो। 51वें खजुराहो नृत्य समारोह में कलाकारों ने वैश्विक कीर्तिमान का एक नया इतिहास रचा है। मध्यप्रदेश संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित इस नृत्य मैराथन में 139 नृत्य कलाकारों ने भाग लिया। कलाकारों ने लगातार 24 घंटे 9 मिनट तक नृत्य का कार्यक्रम प्रस्तुत किया। उन्होंने कथक, भरतनाट्यम, कुचिपुड़ी, मोहिनीअट्टम, ओडिसी नृत्यों की प्रस्तुति दी। गिनीज टीम द्वारा इसे वर्ल्ड रिकॉर्ड घोषित किया गया। शास्त्रीय नृत्य के इस मैराथन में अंतिम प्रस्तुति भरतनाट्यम की थी।पहली बार रचा गया नृत्य का कीर्तिमान: गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज यह प्रस्तुति यह नृत्य प्रस्तुति 19 फरवरी की दोपहर 2:34 बजे शुरू हुई। इसका समापन 24 घंटे 9 मिनट के बाद 20 फरवरी की दोपहर 2:43 बजे हुआ। बता दें कि 24 घंटे 9 मिनट 26 सेकंड का ये कीर्तिमान विश्व में पहली बार रचा गया है। यह उपलब्धि दिखाती है कि भारतीय कलाकार किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हैं। यह रिकॉर्ड न केवल कलाकारों के लिए प्रेरणा स्रोत बना, बल्कि यह देश के युवाओं को भी अपनी सांस्कृतिक धरोहर के प्रति जागरूक रहने के लिए प्रोत्साहित करता है।
‘अनंत’नृत्य से हुआ मैराथन का शुभारंभ: वृहद शास्त्रीय नृत्य मैराथन के आरंभ में अनंत नाम से तराना प्रस्तुति दी गई। अनंत भगवान शिव का ही एक नाम है, जो तीनों लोकों के स्वामी हैं। अनंत का अर्थ है शाश्वत। शिव अपने “अर्धनारीश्वर” स्वरूप में शक्ति को समाहित करते हैं और ब्रह्मांड के प्रत्येक पुरुष और स्त्री तत्व में सर्वव्यापी हैं। साथ मिलकर, वे आत्मा और परमात्मा के आनंदमय, सामंजस्यपूर्ण संयोग का प्रतीक हैं। इस प्रस्तुति को प्रख्यात ताल वादक श्री कौशिक बसु द्वारा संकल्पित, संगीतबद्ध और निर्मित किया गया है। यह राग किरवानी पर आधारित और कहरवा ताल में रचित है। प्रसिद्ध फ़िल्म अभिनेत्री और कथक नृत्यांगना सुश्री प्राची शाह पांड्या और उनके सहयोगी अविनव मुखर्जी द्वारा कोरियोग्राफ़ किया गया यह नृत्य, श्री प्रत्युष पुरु दाधीच के समन्वय में भारतीय शास्त्रीय नृत्य की विभिन्न प्रमुख शैलियों में प्रस्तुत किया गया।
वर्ल्ड रिकॉर्ड पर मुख्यमंत्री ने दी बधाई: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कीर्तिमान रचे जाने पर सभी कलाकारों और समन्वयकों को बधाई दी। उन्होंने कहा, कथककली भगवान कृष्ण की नृत्य के माध्यम से कथा करने की विद्या है। 1 हजार साल पुराना कंदरिया महादेव उस काल के अंदर उच्च कोटि की शानदार विरासत है। उन्होंने कहा, कला संस्कृति बुंदेलखण्ड का इलाका बकाई में अद्भुत है। किसी बात के लिए परमात्मा ने कोई कमी नहीं रखी है। यहां का पत्थर भी चमके तो दुनिया उसको अपने पास रखती है। ये बुंदेलखण्ड की धरती है। यहां मनुष्य चमके तो बुंदेली कहलाएं और पत्थर चमके तो हीरा कहलाएं और कलाकार चमके तो खजुराहो की कला कहलाएं। इसे अगर साधे तो जीवन धन्य हो जाए।
रूपंकर कला पुरस्कार प्रदान किए गए: 51वें खजुराहो नृत्य समारोह के शुभारंभ अवसर पर राज्य रूपंकर कला पुरस्कार प्रदान किए गए। मंचासीन अतिथियों द्वारा दत्तात्रय दामोदर देवलालीकर पुरस्कार सुश्री दिव्या पोरवाल, रघुनाथ कृष्णराव फड़के पुरस्कार सुश्री वीना सिंह, नारायण श्रीधर बेन्द्रे पुरस्कार सुश्री रश्मि कुरिल, मुकुन्द सखाराम भाण्ड पुरस्कार श्री नीतेश पंचाल, देवकृष्ण जटाशंकर जोशी पुरस्कार श्री उज्जवल ओझा, जगदीश स्वामीनाथन पुरस्कार सुश्री प्रीति पोतदार जैन, सैय्यद हैदर रजा पुरस्कार श्री मनीष सिंह, लक्ष्मीसिंह राजपूत पुरस्कार सुश्री पल्लवी वर्मा, राममनोहर सिन्हा पुरस्कार श्री शुभमराज अहिरवार और विष्णु चिंचालकर पुरस्कार श्री लकी जायसवाल को प्रदान किया गया।
उत्साह से भरपूर रही बाल नृत्य प्रस्तुतियां: खजुराहो नृत्य समारोह में पहली बार खजुराहो बाल नृत्य महोत्सव का आयोजन किया गया। इसका शुभारम्भ सुप्रसिद्ध अभिनेत्री और नृत्यांगना सुश्री प्राची शाह, कलेक्टर छतरपुर पार्थ जैसवाल, छतरपुर के पुलिस अधीक्षक अगम जैन, संचालक संस्कृति एन.पी.नामदेव और उस्ताद अलाउद्दीन खां संगीत एवं कला अकादमी के निदेशक डॉ. धर्मेंद्र पारे ने किया। बाल प्रतिभाओं ने ऊर्जा से भरपूर नृत्य प्रस्तुतियां दी। इस गतिविधि के लिए परिसर में विशेष मंच बनाया गया था। पहली प्रस्तुति कुचिपुड़ी नृत्यांगना कुमारी निकिता अहिरवार की रही। उन्होंने कृष्ण शब्दम और कृष्ण तरंगम की मनमोहक प्रस्तुति से समा बंधा। इसके बाद नाविका माहेश्वरी की भरतनाट्यम की प्रस्तुति हुई। उन्होंने पुष्पांजलि, अष्टपदी और अर्धनारीश्वर की प्रस्तुति दी। अंतिम प्रस्तुति त्वरिता जैन की रही, उन्होंने कथक नृत्य में ताल बसंत नौ मात्रा और बसंत गीत की प्रस्तुति दी।
खजुराहो नृत्य समारोह विश्व विख्यात: मध्यप्रदेश शासन के संस्कृति विभाग द्वारा उस्ताद अलाउद्दीन खाँ संगीत एवं कला अकादमी, मध्यप्रदेश संस्कृति परिषद्, भोपाल के माध्यम से विश्व हर साल खजुराहो नृत्य समारोह का आयोजन किया जाता है। भारतीय शास्त्रीय नृत्य शैलियों पर केन्द्रित यह देश का शीर्षस्थ समारोह है। इसे राष्ट्रीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचाना जाता है। इस समारोह में विख्यात कलाकार अपनी नृत्य प्रस्तुतियाँ देते हैं। खजुराहो एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल भी है, और इस समारोह के दौरान यहां पर्यटकों की विशेष भीड़ देखी जाती है। आगे पढ़िये – ‘आगरा बाज़ार’ नाटक को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करे सरकार https://indorestudio.com/agara-bazar-rashtriya-dharohar/