लालपुर में ‘अंकुर’ की दिलचस्प प्रस्तुति ‘एक कुत्ते की मौत’

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कला प्रतिनिधि, इंदौर स्टूडियो। अंकुर रंगमंच के कलाकारों ने नाटक ‘एक कुत्ते की मौत’ का मंचन संस्कृति विभाग भारत सरकार के सहयोग से किया गया। 28 मार्च को यह मंचन शासकीय बाल गृह, लालपुर में बच्चों के समक्ष हुआ। नाटक पर्यावरण शिक्षण एवं सामाजिक चेतना पर आधारित है। नीचे नाटक की फाइल तस्वीरें। कहानी कुत्ते से जुड़े विवाद की: कहानी सड़क पर पड़े हुए एक मरे हुए कुत्ते को हटाने के विवाद से आरंभ होती है और बहुत ही दिलचस्प तरीके से ये प्रकरण पंचायत, नगर निगम, राज्य सरकार से होकर पूरे देश का मुद्दा बन जाता है। इस नाटक में जहा एक और आज की सामाजिक और राजनैतिक परिस्थितियों को दर्शाया गया है वही दूसरी ओर आज प्रजातंत्र में आम आदमी की भूमिका पर भी सवाल उठाए गए है। सारू की मूल कहानी पर आधारित: सत्यनारायण सारू की मूल कहानी “मरा हुआ कुत्ता” का नाट्य रूपांतरण राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के वरिष्ठ रंगकर्मी हफीज खान एवं निर्देशन ईवान खान द्वारा किया गया है।  इसमें 25 बच्चे एवं युवा कलाकारों ने भागीदारी की। उनमें विशेष रूप से आयुषी सिंह राजपूत  (मुन्नी बाई, मैत्रानी / चंपा बाई ), जाज़ा अहमद (मैत्रानी / रिपोर्टर ) ऋषि योगी (गोपी / चौधरी कर्म सिंह),परम (नेता), चित्रांश (पंडितजी),उज्जवल जोशी (मेलारामजी),निखिल (दुकानदार), हमजा (दुकानदार),गोपाल पटेल (आदमी / दुकानदार ),आयुष्मान बड़ोदे (कलेक्टर) ,रोहन ( दुकानदार) और मंच प्रबंधन सावी शर्मा द्वारा किया गया। https://indorestudio.com/ 

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