कला प्रतिनिधि, इंदौर स्टूडियो। स्वर कोकिला लता जी के जन्म दिवस पर यूं तो देश में कई कार्यक्रम होते हैं लेकिन मध्य प्रदेश का इंदौर, ऐसा एकमात्र शहर है जहां पर लता जी का जन्मोत्सव अलग स्वरूप लिए होता हैं। इस अवसर पर यहां लता जी के उन दुर्लभ गीतों को पेश किया जाता है जो अनजाने या अनसुने होते हैं। कुछ ऐसे गीत भी होते हैं जो रिकॉर्ड तो हुए लेकिन किन्हीं वजहों से रिलीज़ नहीं हो सके।
दुर्लभ गीतों का यादगार संगीत कार्यक्रम: इंदौर प्रेस क्लब में लता दीनानाथ ग्रामोफोन रिकॉर्ड संग्रहालय द्वारा स्व. लता मंगेशकर के गाये ऐसे ही गीतों को प्रस्तुत किया गया। संस्थापक सुमन चौरसिया और अजात शत्रु द्वारा चुने गए ये गीत संगीतकार चित्रगुप्त के संगीत से सजे थे। कार्यक्रम में इन गीतों को इंदौर की प्रसिद्ध गायिका सपना केकरे ने बड़ी शिद्दत से निभाया ! सपना ने – ‘बलमा माने ना, कान्हा जा रे जैसे शास्त्रीय गीतों को बख़ूबी निभाया। उन्होंने देखो जी मेरी और ठंडी-ठंडी चले रे हवा, ये पहली घटा सावन की, जैसे चलत गीतों को भी दिलकश अंदाज़ में प्रस्तुत किया। सुमित्रा जोशी ने सैया हाय हाय तेरे गाँव व ज़ुल्फ़ें उलझी है मेरी कंगना से जैसे गीत सुनाए।
युगल गीतों के गायकों ने भी किया कमाल: युगल गीत- गोरी ओढ़ के मल मल निकली, चाँद को देखो जी, क़दम-क़दम पे बहारे लुटाता में उनका साथ रविन्द्र मराठे ने बख़ूबी निभाया। युगल गीत कोई आने वाला है,ओ चन्दा आज की रात न ढलना में उनका साथ संजय मंडलोई ने दिया। कोरस गीतों में साथ निभाया किरण साँखला व प्रीति कपाडिया ने।
अजात शत्रु ने बताई गीतों की विशेषता: कुछ विशेष गानों पर अजातशत्रु जी द्वारा गीतों की विशेषता बताई और टिप्पणियां की गई जिसे श्रोताओं ने बहुत पसंद किया! कार्यक्रम का बेहतरीन संचालन मोना ठाकुर जी ने किय ! आभार सुमन चौरसिया जी ने माना! रवि सालके, हेमेंद्र महावर, विपुल शर्मा और सचिन मोरे ने संगत की। आगे पढ़िये – https://indorestudio.com/band-of-boys-ke-liye-sangeet/









