रंगमंच के कलाकारों की ‘निम्मो’ कैसे बनी ?

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शकील अख़्तर, इंदौर स्टुडियो डॉट कॉम। अरुण पांडे द्वारा स्थापित जबलपुर ,मध्यप्रदेश की नाट्य संस्था है- विवेचना रंगमंडल। विवेचना से जुड़े रहे राहुल शंकल्या को जब मुंबई में तनु वेड्स मनु और रांझणा जैसी फिल्मों के निर्माता आनंद एल राय ने –‘मेरी निम्मो’ के निर्देशन का दायित्व सौंपा। तब राहुल ने ना सिर्फ इस फिल्म में विवेचना रंगमंडल के कलाकारों का भरपूर सदुपयोग किया बल्कि फिल्म की शूटिंग भी जबलपुर और उसके आसपास के इलाकों में ही की। इस तरह जबलपुर के प्रतिष्ठित थिएटर ग्रुप के लिए ‘मेरी निम्मो’ एक यादगार फिल्म बन गई। यह फिल्म जब इरोज़ पर रिलीज़ हुई, उसके बाद से ही मेरी इस फिल्म के निमार्ण को लेकर दिलचस्पी थी। इस विषय में मुझे विवेचना के विवेक पांडे से बातचीत का मौका मिल ही गया। विवेक विवेचना के संस्थापक अरूण पांडे के छोटे भाई भी हैं । वे बता रहे हैं विवेचना के कलाकारों के साथ इस अनूठी फिल्म के निमार्ण की पूरी कहानी।

8 साल के लड़के के प्यार की कहानी : फिल्म ‘मेरी निम्मो’ 8 साल के लड़के हेमू की कहानी है जिसे अपने से बहुत बड़ी निम्मो नाम की युवती से प्यार हो जाता है। निम्मो की शादी के वक्त भी उसे लगता है कि निम्मो पूरी तरह उसी की है। इस फिल्म में निम्मो की प्रमुख भूमिका मराठी और हिंदी फिल्मों की अभिनेत्री अंजलि पाटिल ने निभाई है। जो प्रकाश झा की ‘चक्रव्यूह’ में भी अभिनय कर चुकी है। जबकि हेमु की भूमिका बाल कलाकार करन दवे ने निभाई है, वे भी टीवी सीरियल्स में काम करते हैं। दोनों मुंबई में है। इसके अलावा हेमू के दोस्त मटरू की अहम भूमिका भोपाल के एक बाल कलाकार आर्यन ने निभाई है। यही तीन ऐसे कलाकार हैं, जो जबलपुर से बाहर के कहे जा सकते हैं। मगर बाकी सभी कलाकार विवेचना रंगमंडल के ही हैं। यहां तक फ़िल्म के लेखक,पीयूष श्रीवास्तव, स्टिल कैमरामैन,विजय पोहरे,आर्ट डायरेक्टर,आशीष रावत भी विवेचना के सदस्य रहे हैं, हालांकि अब वे मुंबई में सक्रिय हैं।

निम्मो की बहन रानी वाली शालिनी : इस फिल्म में एक अहम भूमिका निम्मो की बहन “रानी” का किरदार निभाने वाली शालिनी पांडेय ने बाद में तेलुगु फ़िल्म “अर्जुन रेड्डी” में हीरोइन के रूप में काम किया। इस फ़िल्म का हिंदी रिमेक भी बन रहा है,जिसमें शाहिद कपूर हीरो का रोल कर रहे है। आपको बता दें, शालिनी ने विवेचना रंगमंडल के कई नाटकों में अभिनेत्री के रूप में काम किया है। इसमें ‘ईसुरी’ और ‘बाबूजी’ प्रमुख हैं। इसके अलावा भीड़,गांव वालों और दूसरी भूमिकाओं में विवेचना रंगमंडल के साथ कदम संस्था के कलाकारों ने भी काम किया है।

निर्देशक राहुल भी विवेचना के पुराने कलाकार: राहुल शंकल्या भी विवेचना रंगमंडल के कलाकार रहे हैं। उन्होंने रंगकर्मी के रूप में व्हीएम इग्नेशियस ( लड्डू भैया) के साथ शुरूआत की थी। इसके बाद वे अरुण पांडेय जी के सम्पर्क में आये और फिर विवेचना रंगमंडल के सभी प्रमुख नाटकों में सक्रिय भागीदारी निभाई। उदय प्रकाश के उपन्यास पर आधारित नाटक ‘और अंत मे प्रार्थना’ में राहुल जी ने डॉ वाकणकर की मुख्य भूमिका थी। कई साल यहाँ काम करने के बाद वे भोपाल में हबीब तनवीर के “नया थिएटर” से जुड़ गए। बाद में उनका नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में चयन हो गया। एनएसडी,दिल्ली के बाद वे एफटीआई पुणे पहुंचे। वहां से आपने स्क्रीन प्ले और स्क्रिप्ट राइटिंग का कोर्स किया और मुम्बई चले गये।

तनु वेड्स मनु के बने सह निर्देशक :जहां तक मेरी जानकारी है, मुंबई में बतौर सह निर्देशक “पीपली लाइव” फ़िल्म से जुड़े। इसमें उन्होंने अभिनय भी किया। इसके बाद वे आनंद एलराय प्रॉडक्शन हाउस यलो कलर से जुड़ गये। जहां उन्होंने “तनु वेड्स मनु” को असिस्ट किया। ‘रांझणा’ फ़िल्म से वे आनंद जी के चीफ़ असिस्टेंट डायरेक्टर बन गए। बाद में उन्होंने ‘तनु वेड्स मनु रिटर्न्स’ के लिये भी यही ज़िम्मेदारी निभाई। रिटर्न्स सुपर हिट होने के बाद  आनंद जी ने अपने सहयोगियों को राहुल और दूसरे मुदस्सर को फिल्म “हैप्पी भाग जायेगी” बनाने में मदद की। ‘मेरी निम्मो को बनाने से पहले राहुल जी ने राणा प्रताप सेंगर जैसे साथियों की मदद से एक पुरानी फ़िल्म का गाना- ‘न जाने क्या हुआ,जो तूने छू लिया,खिला गुलाब की तरह मेरा बदन’स्थानीय लोगों के साथ फिल्माया। इसे देखने के बाद आनंद जी ने ‘मेरी निम्मो’ का निर्देशन राहुल शंकल्या को सौंप दिया। इस गाने का फिल्मांकन राहुल ने मड़ई गांव के एक घर में किया था।

जब फिल्म में हुई दक्षिण के हीरो धनुष की एंट्री : फिल्म की शूटिंग,जबलपुर के आसपास के इलाकों में हुई है। कोसमघाट,पनागर,भेड़ाघाट ,मंगेला और सूरतलाई की लोकेशन्स फिल्म में है। सिर्फ एक महीने में ही फिल्म की शूटिंग पूरी कर ली गई थी। यह 2015 अक्टूबर के महीने की बात है। शुरू में ‘मेरी निम्मो’ करीब एक घंटे की बनकर तैयार हुई थी। इस तरह यह फिल्म ड्यूरेशन के हिसाब से इतनी बड़ी थी नहीं थी कि इसे फीचर फिल्म की तरह टॉकीज़ में प्रदर्शित किया जा सके। साथ ही फिल्म इतनी छोटी भी नहीं थी कि शार्ट फिल्म की कैटेगरी में इसे रखा जाए। इसके बाद प्रोड्यूसर आनंद जी और हिमांशु शर्मा ने इसकी अवधि बढ़ाने का सुझाव दिया। इसकी कमर्शियल वैल्यू को देखते हुए रांझणा के हीरो और साउथ के सुपर स्टार धनुष की एंट्री हुई। उन्होंने इसमें हेमू के बड़े होने की भूमिका अदा की। नये तरीके से सोचकर कहानी पर काम हुआ। मगर फ़िल्म देखने पर डायरेक्टर राहुल ऐसा करने पर राज़ी नहीं हुए। इससे हेमू और उसकी बड़ी दीदी जैसी निम्मो के बीच के इकतरफा प्यार की कहानी असर खो रही थी। इस तरह धनुष के जोड़े गए किरदार के बावजूद उसे फिल्म में नहीं जोड़ा गया। मूल पटकथा ही रखी गई।

फिल्म में काम करने वाले ‘विवेचना’ के कलाकार

निम्मो के दादाजी:अरुण पांडेय जो कि विवेचना रंगमंडल के निर्देशक भी हैं
निम्मो के पिता: विवेक पांडेय                                                                                                  बुआ:सारिका नायक                                                                                                        फूफा:ऋषि यादव                                                                                                                पंडित:गुप्ता जी                                                                                                                महेंद्र:अनुदीप सिंह ठाकुर(अंशुल)                                                                                            महेंद्र के पिता:सीताराम सोनी                                                                                                  महेंद्र की माता:श्रीमती आशा तिवारी
निम्मो का पति:अमर सिंह परिहार                                                                                          निम्मो के ससुर:सूरज राय सूरज
पति का दोस्त (बाराती):राणा प्रताप सेंगर                                                                                      रिश्तेदार:नवीन चौबे
निम्मो की सहेली, कुसुम :अर्पणा शर्मा
रानी (निम्मो की बहन) :शालिनी पांडेय                                                                                        रज्जो (निम्मो की बहन) : रेखा मिश्रा                                                                                          हेमू की मां:सुनयना अग्रवाल                                                                                                    हेमू के पिता:विजय पोहरे

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