एनएसडी,दिल्ली में एशिया पैसिफिक थियेटर फेस्टिवल शुरू

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कला प्रतिनिधि, इंदौर स्टूडियो। नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (एनएसडी), नई दिल्ली में एशिया पैसिफिक बॉन्ड थियेटर स्कूल फेस्टिवल और डायरेक्टर्स मीट इंडिया 2024 महोत्सव का 14 अगस्त 2024 से शुभारंभ हो गया। 20 अगस्त तक चलने वाले इस फेस्टिवल की मेज़बानी एनएसडी ही कर रहा है। आयोजन में 8 देशों के 44 प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं। फेस्टिवल में नाटकों, कार्यशालाओं के साथ संवाद के कार्यक्रम होंगे। इस फेस्टिवल के बाद एनएसडी, रंगमंडल के 60 साल पूरे होने के अवसर पर ‘षष्ठी उत्सव’ का आगाज़ होगा। 23 अगस्त से 9 सितंबर तक चलने वाले इस उत्सव में ख़ास कार्यक्रम होंगे। इसके ‘हीरक जयंती नाट्य समारोह’ में रंगमंडल के 9 चर्चित नाटकों का मंचन होगा। दो साल में होने वाला आयोजन: एनएसडी कैम्पस में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी एनएसडी के निदेशक चितरंजन त्रिपाठी ने दी। इस दौरान स्कूल के अन्य प्रमुख अधिकारी मौजूद थे। श्री त्रिपाठी ने बताया – ‘एशिया पैसिफिक बॉन्ड थियेटर (एपीबी) दो साल में होने वाला आयोजन है। यह पूरे एशिया-प्रशांत में ड्रामा स्कूल से जुड़े शिक्षा संस्थानों को अपनी प्रतिभा दिखाने, आपसी संवाद करने और शोध के लिये एक मंच प्रदान करता है। इस नज़रिये से यह एक महत्वपूर्ण फेस्टिवल है। इस फेस्टिवल में नाट्य प्रदर्शनों के साथ कार्यशालाओं और चर्चाओं के कार्यक्रम होंगे’। उन्होंने कहा कि यह फेस्टिवल युवा कलाकारों के बीच आपसी सहयोग और रचनात्मकता को बढ़ाने में अपनी विशिष्ट भूमिका निभाएगा।छह दशक पुरानी ‘रंगमंडल’ की यात्रा: श्री त्रिपाठी ने कहा, ‘एनएसडी का रंगमंडल इस साल अपनी 60 वीं वर्षगांठ मना रहा है। यह हमारे लिये ख़ुशी और गर्व की बात है। इसकी स्थापना 1964 में हुई थी। तभी से यह निरंतर नई रचनात्मकता और रंग-प्रयोगों का केंद्र रहा है। बेशक इसमें कई कलाकारों का योगदान हैं जिन्होंने रंगमंडल को एक नई ऊंचाई दी है, इस परंपरा को आगे बढ़ाया है। इस यात्रा में पहले के छात्रों के साथ ही वर्तमान सदस्यों और दर्शकों का भी साथ रहा है। सभी ने मिलकर इस विरासत का निर्माण किया है। हम आगे भी, सभी के सहयोग से, भविष्य की संभावनाओं के साथ, इस परंपरा को आगे बढाते रहेंगे’।
एपीबी में होंगे कौन-कौन से कार्यक्रम: एशिया पैसिफिक महोत्सव में 15 अगस्त को दाइयू ब्यूरीज़ फ्लॉवर्स, 16 अगस्त को सिंगापुर के एल्विन चियाम, केनजिरो ओटानी और जियाली जू की तीन अलग विषयों पर केंद्रित कार्यशालाएं होंगी। 15 अगस्त को ही दोपहर में सिंगापुर की प्रस्तुति ‘डेथ ऑफ ऐश’ का प्रर्दशन होगा और फिर इस प्रस्तुति को लेकर सवाल-जवाब होंगे। 17 अगस्त को मंगोलिया के कलाकार ‘दि मिथ ऑफ दि असुर प्रिसेंस’ का मंचन करेंगे और फिर इस प्रस्तुति पर चर्चा होगी। 18 अगस्त को प्रो.रीता जी कोठारी ‘रसस्वदना’ विषय पर मास्टर क्लास लेंगी’। लोक प्रदर्शन की पुर्नकल्पना पर कार्यशाला: प्रो.रीता की मास्टर क्लास के बाद बांग्लादेश के डॉ. मुहम्मद इसराफिल की ‘लोक प्रदर्शन की पुर्नकल्पना’ पर कार्यशाला होगी। इसी दिन इंडोनेशिया की प्रस्तुति ‘रंदाई’ का मंचन होगा। इसके बाद ‘एशियाई प्रदर्शन परंपराओं’ पर विमर्श होगा। 19 अगस्त को प्रो. भरत गुप्त ‘आज नाट्य शास्त्र का उपयोग कैसे करें’, विषय पर व्याख्यान देंगे। जापान के कलाकार ‘दि फेस ऑफ़ जिजो’ प्रस्तुत करेंगे। इस प्रदर्शन पर चर्चा होगी। इसके बाद थर्ड ईयर एनएसडी के छात्र नाटक ‘इंद्रजीत’ की प्रस्तुति देंगे। इसका निर्देशन डॉ.पुरीसाई कन्नप्पा ने किया है। हीरक जयंति नाट्य समारोह में 9 नाटक: रंगमंडल के 60 साल पूरे होने के अवसर पर ‘रंग षष्ठी’ के तहत विभिन्न कार्यक्रम आयोजित होंगे। एनएसडी रंगमंडल के प्रमुख राजेश सिंह ने इस विषय में कहा, ‘रंग षष्ठि’ में हीरक जयंती नाट्य समारोह होगा। इसमें 23 अगस्त से 9 सिंतबर तक रंगमंडल नौ प्रमुख नाटकों का मंचन होगा। प्रस्तुत किये जाने वाले नाटकों के नाम हैं – समुद्र मंथन, बायन, बंद गली का आख़िरी मकान, लैला मजनू, बाबूजी, माई री, अँधा युग, अभिज्ञान शाकन्तुलम और ताजमहल का टेंडर’। नाटक ‘ताजमहल का टेंडर’ का बीते 25 सालों से प्रदर्शन हो रहा है। 1998 से यह नाटक चल रहा है। इस बार इस नाटक के पहले प्रदर्शन के कुछ पुराने कलाकार भी नज़र आएंगे। हीरक जयंती नाट्य उत्सव के आख़िरी दिन 9 सितंबर को षष्टि ‘रंग संगीत’ का आयोजन होगा। इसमें रंगमंडल के कुछ नाटकों के संगीत पर आधारित विशेष कार्यक्रम होगा। सभी नाटकों के टिकट बुक माई शो के माध्यम से ख़रीदे जा सकते हैं’। दि जर्नी ऑफ द ड्रामा रिपर्टरी: राजेश सिंह के मुताबिक, इस आयोजन में ‘रंग रथ: दि जर्नी ऑफ द नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा रिपर्टरी कंपनी’ पर एक विशेष प्रदर्शनी भी लगाई जायेगी। इसमें रंगमंडल की स्थापना से लेकर अब तक की यात्रा और विकास की कहानी को दर्शाया जायेगा। यह प्रदर्शनी छाया चित्रों, आलेखों, वेशभूषा, मंच सज्जा, मल्टी मीडिया इंस्टॉलेशन आदि पर आधारित होगी। इसमें रंगमंडल की परंपरा और विरासत की झलक देखने को मिलेगी। इसके बाद रंगमंडल, एनएसडी की कलाकार टीम एशिया प्रशांत के कुछ देशों का दौरा भी करेगी। आगे पढ़िये – क्या थियेटर में पैसा नहीं है? इस बारे में क्या बोले एनके रैना? https://indorestudio.com/kya-theatre-me-paisa-nahi/

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