कला प्रतिनिधि, इंदौर स्टूडियो। ऐतिहासिक उपन्यासकार स्व. शरद पगारे के मशहूर उपन्यास ‘पाटलिपुत्र की सम्राज्ञी’ पर आधारित नाटक का मंचन दिल्ली के श्रीराम सेंटर में होगा। रविवार 1 दिसंबर की शाम 7 बजे इस नाटक को रंग समूह क्षितित के कलाकार प्रस्तुत करेंगे। नाटक का निर्देशन भारती शर्मा ने किया है। उन्होंने इस उपन्यास का नाट्य रूपांतरण भी किया है। नाटक के टिकट ‘बुक माय शो’ से प्राप्त किये जा सकते हैं। भारती जी खुद एक स्थापित निर्देशक: नाटक के मंचन के बारे में स्व. डॉ पगारे के सुपुत्र डॉ. सुशीम पगारे ने जानकारी दी। उन्होंने कहा, भारती जी वरिष्ठ नाट्य निर्देशक और लेखिका होने के साथ एक स्थापित कलाकार भी हैं। उन्होंने हाल ही में प्रसारित बॉलीवुड निर्देशक संजय लीला भंसाली की चर्चित वेब सीरीज ‘हीरा मंडी’ में एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है।टीवी प्रोग्राम्स के लिये लेखन, निमार्ण,अभिनय करती रही हैं। इस नाटक में भी वे एक महत्वपूर्ण किरदार को निभा रही हैं।
बेग़म ज़ैनाबादी का भी किया है मंचन: आपको बता दें, भारती शर्मा राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय की स्नातक हैं। 1987 के बाद से वे नाटकों का निर्माण, लेखन और निर्देशन कर रही हैं। अब तक 50 से अधिक नाटकों के निर्देशन का अनुभव है। भारती जी, स्व.पगारे के लिखे एक अन्य उपन्यास ‘बेग़म ज़ैनाबादी’ पर आधारित नाटक का मंचन 2010 में कर चुकी हैं। उन्होंने अपनी ताज़ा प्रस्तुति को स्व.पगारे के कृतित्व के प्रति श्रद्धांजलि बताया है। कई प्रमुख पुरस्कारों के साथ ही उन्हें संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार ने भी 2019 में पुरस्कृत किया है। (नाटक ‘बेग़म ज़ैनाबादी’ का एक दृश्य।)
मौर्य युगीन एक अल्प ज्ञात नारी की कहानी: उपन्यास ‘पाटलिपुत्र की सम्राज्ञी’ का कथानक मौर्य युगीन है। स्व. शरद पगारे ने इतिहास की एक अल्प ज्ञात नारी सम्राट अशोक की माँ धर्मा को केंद्र में रखकर उपन्यास का ताना-बाना बुना है। धर्मा ने अपने पुत्र अशोक को सम्राट बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और इसके लिए वे चाणक्य से टकराने में भी पीछे नहीं हटी। उल्लेखनीय है कि उपन्यास ‘पाटलिपुत्र की सम्राज्ञी’ को ज्ञानपीठ के बाद साहित्य के सबसे बड़े प्रतिष्ठित ‘व्यास सम्मान’ से विभूषित किया गया है। आगे पढ़िये – अमृता की कहानी सुनकर दर्शकों की आँखें हुई नम – https://indorestudio.com/amrita-shergil-ki-kahani/