बेंगलुरु से शकील अख़्तर। बेंगलुरु इंटरनेशनल फ़िल्म फेस्टिवल में आदित्य कृपानी की फिल्म ‘नॉट टुडे’ को सर्वश्रेष्ठ एशियन फ़िल्म, मलयाली भाषा की फ़िल्म ‘मेदप्पियन’ को सर्वश्रेष्ठ भारतीय फ़िल्म और ‘दोद्दाहट्टी बोरेगौड़ा’को सर्वश्रेष्ठ कन्नड़ फ़िल्म का अवार्ड मिला है। तीनों ही फ़िल्मों को यह पुरस्कार साल 2021 के लिये दिये गये हैं। एक ख़ास बात यह भी है कि इस साल की सर्वाधिक लोकप्रिय फ़िल्म के रूप में ‘युवरत्ना’ को चुना गया है। इस फ़िल्म के प्रख्यात अभिनेता पुनीत राजकुमार का पिछले साल निधन हो गया था। दक्षिम भारत में उनकी फ़िल्म को मिला अवार्ड किसी श्रद्धांजलि से कम नहीं है। महोत्सव के समापन में विजेताओं को पुरस्कार कर्नाटक के राज्यपाल श्री थावर चंद गेहलोत ने प्रदान किये। महोत्सव में कई प्रमुख हस्तियों के साथ सिने रसिक मौजूद थे।
कन्नड़ सिनेमा खंड में ‘पिंकी एली’ को शीर्ष सम्मान: कन्नड़ सिनेमा खंड में ‘पिंकी एली’ क्रमशः 2021 और 2020 के लिए शीर्ष पुरस्कार जीता। ‘पिंकी एली’ पृथ्वी कोननूर और ‘डोड्डाहट्टी बोरेगौड़ा’ रघु केएम निर्देशित फ़िल्में हैं। दिवंगत पुनीत राजकुमार अभिनीत ‘युवरत्ना’ ने 2021 के लिए सर्वश्रेष्ठ कन्नड़ लोकप्रिय मनोरंजन पुरस्कार जीता है। वहीं इसी खंड में फ़िल्म ‘दीया’ को पिछले वर्ष का शीर्ष सम्मान मिला। यहां यह बताना महत्वपूर्ण होगा कि महोत्सव में पहली बार सबसे ज़्यादा 52 कन्नड़ फ़िल्में प्रदर्शित की गई। यह फेस्टिवल के दर्शकों के लिये एक बड़ी सौग़ात रही। युवरत्ना फिल्म के अभिनेता राजकुमार के लिये भी दर्शकों में ख़ास भावनात्मक लगाव और सहानुभूति देखने को मिली।
‘मेप्पडियन’ और ‘सेमखोर’ सर्वश्रेष्ठ भारतीय फ़िल्म: विष्णु मोहन निर्देशित मलयालम फिल्म ‘मेप्पडियन’ ने 2021 के लिए सर्वश्रेष्ठ भारतीय फिल्म का पुरस्कार जीता, जबकि एमी बौरुआ की असमिया फिल्म, ‘सेमखोर’, 2020 के लिए विजेता रही। एशियाई फिल्म श्रेणी में श्रीलंकाई फिल्म ‘द न्यूजपेपर’ को 2020 के लिये और आदित्य कृपलानी की ‘नॉट टुडे’ को इस साल यानी 2021 के लिये सर्वश्रेष्ठ फिल्म का सम्मान मिला।
बहुत कम समय में महोत्सव का आयोजन : समारोह में कर्नाटक राज्य के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के प्रधान सचिव एन. मंजूनाथ प्रसाद ने कहा, ‘यह उत्सव महज़ 32 से 35 दिनों की तैयारी में आयोजित हुआ जो करिश्मे जैसी बात है’। उन्होंने कहा, ‘महोत्सव में 55 देशों की 200 से अधिक फिल्मों की 332 स्क्रीनिंग की गई और एक भी स्क्रीनिंग रद्द या बाधित नहीं हुई। यह भी बड़ी बात है’।
डिजिटल डेब्यू महोत्सव की बड़ी कामयाबी: कर्नाटक चलचित्र अकादमी के अध्यक्ष सुनील पुराणिक ने उत्सव के डिजिटल डेब्यू को महोत्सव की बड़ी कामयाबी के रूप में निरूपित किया। उन्होंने कहा, ‘हमने कुल 38 फिल्मों को ऑनलाइन दिखाया। लगभग 1,600 ऑनलाइन फिल्में देखने के लिए रजिस्ट्रेशन किया था। हर दिन 900 से अधिक दर्शकों ने महोत्सव की फ़िल्मों को देखने के लिए लॉग इन किया था’।
समारोह में विभिन्न जूरी सदस्यों का अभिनंदन : समारोह में फिल्मों के चयन से जुड़ी विभिन्न जूरी सदस्यों को भी राज्यपाल ने अभिनंदित किया गया। इस बार दो वर्षों की फ़िल्मों के पुरस्कार दिये जाने की वजह से सूची लंबी थी। इनमें जूरी द्वारा प्रशंसित फिल्मों के सम्मान भी शामिल थे। कार्यक्रम के प्रारंभ में प्रसिद्ध वीणा वाद्य विशेषक्ष डॉ. सुमा सुधीन्द्र और उनके साथियों ने अपने सुमधुर संगीत से समां बांधा। कर्नाटकी के साथ ही उनके फ्यूज़न संगीत को दर्शकों ने बेहद पसंद किया। जेआरडी टाटा ऑडिटोरियम में संपन्न कार्यक्रम में सूचना एवं जनसंपर्क के मुख्य सचिव मंजूनाथ प्रसाद,आयुक्त डॉ. पीएस हर्ष और फ़िल्म महोत्सव के कलात्मक निर्देशक नरसिंह राव,देशी-विदेशी मेहमान और गणमान्य नागरिक मौजूद थे। कार्यक्रम का अपने चिर-परिचित अंदाज़ में संचालन शंकर प्रकाश ने किया।