रजत पर्व की तैयारी में जुटा भोपाल का रंग समूह ‘कारवाँ’, तीन दिन चलेगा नाट्य समारोह, मंच पर नज़र आएंगे तीन शैलियों के बेहतरीन नाटक

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भोपाल, 20 सितम्बर 2018 (अपर्णा जोशी,इंदौर स्टुडियो डॉट.कॉम)। किसी भी संस्था के लिए अपनी जगह हासिल करना चंद दिनों का काम नहीं, उसके पीछे कई वर्षों की तपस्या होती है। यह अकेले व्यक्ति के बस में भी नहीं। नेतृत्व कौशल से परिपूर्ण प्रमुख और समर्पित सहयोगी ही एक साथ मिलकर किसी कारवाँ को आगे बढ़ाते हैं। रंगकर्म के लिए इसी समर्पित भाव से काम कर रही भोपाल की नाट्य संस्था-‘कारवाँ’ ने अपने 25 साल पूरे कर लिये हैं। इस अवसर पर संस्था शहर में 30 सितम्बर से तीन दिवसीय रजत जयंति नाट्य समारोह का आयोजन करने जा रही है। आयोजन में हर शाम एक ख़ास नाटक का मंचन होगा।

नज़ीर कुरैशी ने 25 साल पहले ‘कारवाँ’ रंग समूह की स्थापना की थी। उन्होंने अपने कला कौशल और नेतृत्व से इस संस्था को सींचा और इसका प्रशंसनीय सफ़र तय किया। इस दौरान उन्होंने ‘कारवाँ’ को ना केवल विशिष्ट पहचान दी, कई कलाकारों को भी भोपाल के रंग जगत का हिस्सा बना दिया। ‘कारवाँ’ अब अपने रजत पर्व की तैयारी में ज़ोर-शोर से जुटा है। राजधानी के शहीद भवन में यह रजत पर्व 30 सितम्बर से 3 अक्टूबर तक शोभायमान रहेगा। इसमें तीन नाटकों के साथ कुछ और विशिष्ट आयोजन भी होंगे।

पहले दिन यानी 30 सितम्बर को नाटक ‘बंदिनी’,दूसरे दिन ‘डक’ और तीसरे दिन ‘आषाढ़ का एक दिन’ का मंचन होगा। नाटक ‘डंक’ वसंत कानेटकर नेे लिखा है, इसका मराठी से हिन्दी अनुवाद भानुमति सिंह ने किया है। नाटक का निर्देशन नज़ीर कुरैशी ने किया है। कारवाँ पहले भी इस नाटक का मंचन कर चुका है।

नाटक- ‘बंदिनी’ का एक दृश्य

नाटक ‘बंदिनी’ रवीन्द्रनाथ टैगोर द्वारा लिखित कहानी ‘देवी’ पर आधारित है जिसका नाट्य रूपांतरण विष्णु प्रभाकर ने किया है। नाटक ‘बंदिनी’ उबेद उल्लाह खान ने निर्देशित किया गया है। दोनों ही रंग प्रस्तुतियाँ लगभग 15-15 कलाकारों के अभिनय से सुसज्जित हैं।

तीसरे दिन मोहन राकेश के सुप्रसिद्ध नाटक ‘आषाढ़ का एक दिन’ का मंचन होगा। कारवां के कलाकार इस नाटक की भी रिहर्सल में जुटे हैं। नाट्य समारोह का यह अंतिम नाटक होगा। इस नाटक निर्देशन नज़ीर कुरैशी ने ही किया है।

नाटक-‘आषाढ़ का एक दिन’ की रिहर्सल
नाटक-‘आषाढ़ का एक दिन’ की रिहर्सल

दर्शकों के साथ इस नाट्य समारोह के शहर के नए और वरिष्ठ कलाकार भी साक्षी बनेंगे,यही कारवाँ के कलाकारों की अपेक्षा और आग्रह है। इससे कारवाँ के इस सफर को और भी बल मिलेगा। ‘कारवाँ’ के रजत पर्व पर, इस सराहनीय आयोजन के लिए इंदौर स्टुडियो टीम की ओर से भी ढेर सारी शुभकामनाएँ।

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