रावण का पुतला जलाने से क्या होगा, श्री राम का चरित्र अपनाना ज़रूरी

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कला प्रतिनिधी, इंदौर स्टूडियो। रावण के पुतले को मारने से क्या मिलेगा, भगवान श्री राम का चरित्र जीवन में अपनाना ज़रूरी है। यह बात फ़िरोज़पुर के प्रख्यात कवि ओमपाल सिंह निडर ने यह बात कही। वे ‘राम से राष्ट्र’ शीर्षक से आयोजित अखिल भारतीय कवि सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। इस कवि सम्मेलन में सैकड़ों की संख्या में काव्य प्रमियों ने भाग लिया। नाम के अनुसार कवि सम्मेलन में भगवान श्रीराम पर केंद्रित  कविताओं का पाठ हुआ। कवि देवकृष्ण व्यास का सम्मान: महात्मा गांधी काव्य संसद के धज तले यह कवि सम्मेलन हुआ। इसमें राष्ट्रीय कवि सत्यनारायण सत्तन ने वरिष्ठ कवि देवकृष्ण व्यास का सम्मान किया गया। इस अवसर पं.सत्तन ने कहा कि राम के नाम में ही संपूर्ण कविता का भाव है। इस कवि सम्मेलन में देवकृष्ण व्यास (देवास), डॉ. अतुल बाजपेई (लखनऊ), संजय सिंह (भोपाल), सत्येन वर्मा सत्येन (इंदौर), सोनिया सोनम (पानीपत) ने काव्य पाठ किया। समारोह के मुख्य अतिथि अनंत योगेन्द्र महंत थे। कवियों का सम्मान संयोजक डॉ. पंकज विरमाल, राम मोहन तोमर, शारदा तोमर,मीना राणा शाह,अजय यादव, सुरेंद्र थनवार, सुखदेव खरबडीकर, जानकीलाल पटेरिया, संजय श्रीमाल, रामेश्वर गुप्ता किशनलाल सोमानी,ज्योति मेश्राम, ने किया। संचालन सत्येन वर्मा सत्येन ने किया। आभार डॉ.पंकज विरमाल ने माना।

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