‘संगत’ में अमीरूद्दीन ख़ाँ ने जमाया फ्यूजन संगीत का रंग!

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कला प्रतिनिधि, इंदौर स्टूडियो। जयपुर में नौजवान पीढ़ी में सांस्कृतिक संस्कारों के प्रसार के लिए संगीत अभियान जारी है। इस संगत की आठवीं कड़ी में सारंगी वादक अमीरुद्दीन खान ने अपने साथियों के साथ शास्त्रीय और लोक संगीत के फ्यूज़न से युवा श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। पीपुल्स मीडिया थिएटर के बैनर तले सेंट विल्फ्रेड कॉलेज में यह आयोजन हुआ। कार्यक्रम में सहयोग राजस्थान फोरम और श्री सीमेंट का रहा। इस मौके पर राजस्थान फोरम के सदस्य अशोक राही ने कहा – ‘संगत’ का उद्देश्य संस्कृति का युवा पीढ़ी में विस्तार करना है। गणेश वंदना से संगत का शुभारंभ: संगत की शुरुआत अमीरुद्दीन खान ने राग देस में गणेश वंदना गाकर की। बोल थे- लाज मेरी राखो जी महाराज। इसके बाद तो उन्होंने सारंगी पर श्याम धनी के गीत, केसरिया मांड, राग भैरव में नींदडली, गोरबंद और छाप तिलक का फ्यूजन गीत सुना कर खूब रंग जमाया। उनके साथ तबले पर सोहेल खान, ढोलक पर अमानत अली, गिटार पर शोएब खान और सारंगी पर फिरदौस अली ने बेहतरीन संगत की।सौ साल पुराने सारंगी में 48 तार: अमीरुद्दीन खान ने छात्रों को बताया कि करीब सौ बरस पुराने साज सारंगी में 48 तार हैं। इस वाद्य का ब्रिज ऊंट की हड्डी से बना है। कॉलेज की प्राचार्य डॉक्टर फरीदा हासनी और विख्यात ध्रुपद गायक डॉक्टर श्यामसुंदर शर्मा ने सभी कलाकारों का सम्मान किया। कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार पुरुषोत्तम सैनी, नाट्य निर्देशिका सुप्रिया शर्मा, कवि राघवेंद्र रावत, छायाकार सत्येंद्र सिंह और साहित्यकर्मी रमेश शर्मा सहित अनेक शिक्षाविद और कलाकार मौजूद थे। संगत में सेंट विल्फ्रेड कॉलेज का सभागार युवा दर्शकों से भरा था।

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