तानसेन कला वीथिका बने चित्रकारों का केंद्र

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सुभाष अरोरा, इंदौर स्टूडियो। ग्वालियर में रंग शिल्प समिति के तत्वाधान में कलाकारों की अनौपचारिक बैठक हुई। बैठक रुद्राक्ष शिव मंदिर, ऊंट पुल पर हुई। बैठक में कलाकारों ने तानसेन कला वीथिका को कला गतिविधियों का गढ़ और कलाकारों का अड्डा बनाये जाने पर जोर दिया गया। कला वीथिका में वर्ष भर निरंतर कला प्रदर्शनियां, कला वार्ताएं और प्रदर्शनकारी कलाओं का सिलसिला जारी रहे। इसके लिए नगर के कलाकार रंग शिल्प समिति के माध्यम से मध्य प्रदेश शासन के संस्कृति विभाग से मांग करेंगे।शासन से सहयोग की अपेक्षा: बैठक में कलाकारों ने सुझाव दिया कि नगर की कला गतिविधियों को विस्तार देने की दृष्टि से शासन दायित्व समिति को आउटसोर्स करे तो बेहतर परिणाम अर्जित किए जा सकते हैं। बैठक में शिक्षण संस्थानों में व्यापक स्तर पर कला गतिविधियों के आयोजन, अवार्ड सेरेमनी, कला संगोष्ठियों और कला प्रदर्शनी आदि पर गंभीर चर्चाएं की गई। युवा कलाकारों की एकल प्रदर्शनियां: बैठक में युवा कलाकारों को आगे लाने की दृष्टि से हर साल पांच संभावनाशील युवा कलाकारों की एकल प्रदर्शनियां आयोजित करने पर भी विचार हुआ। बैठक में नगर के कलाकारों से उनकी कार्यशैली पर विस्तृत चर्चा आयोजित कर ग्वालियर नगर की संश्लेषित कला अवधारणा को भी चिन्हित करने की दिशा में कदम बढ़ाने का निर्णय लिया गया। बैठक में शामिल हुए ये कलाकार: बैठक की अध्यक्षता श्री केपी श्रीवास्तव ने की। बैठक में सर्व श्री प्रकाश सक्सेना बत्ती, चंद्रसेन जाधव, श्रीमती मीना मिड्डा, श्रीमती राजबाला अरोड़ा, गिरिराज गुप्ता, हरि कृष्ण कदम, डॉक्टर संजय धवले, प्रमोद पतकी, उदित वर्मा, अशेन्द्र शर्मा, समर्थ, सुभाष अरोरा और विशेष रूप से आमंत्रित श्री सुनील जैन उपस्थित थे। रंगशिल्प समिति के सचिव धृति वर्धन गुप्त ने नगर से बाहर रहने के बावजूद अपने ई-संदेश से भागीदारी दर्ज कराई। कार्यक्रम के अंत में डॉ संजय धवले ने सभी उपस्थितों के लिए आभार व्यक्त किया। आगे पढ़िये, कैसी रही इंदौर में कला स्तंभ की कला प्रदर्शनी- https://indorestudio.com/kala-stambh-ki-kala-pradarshani/

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