कहानी मिले तो तीनों ख़ान, साथ करेंगे काम- आमिर ख़ान

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अजित राय, जेद्दा, सऊदी अरब। सालों से मेरी ख़्वाहिश रही है कि तीनों ख़ान (आमिर,शाहरूख़ और सलमान) एक फिल्म में साथ-साथ काम करें। मैं पिछले महीने ही शाहरूख़ और सलमान से मिला भी था। वे भी चाहते हैं कि तीनों किसी फिल्म में एकसाथ दिखाई दें। मगर ऐसी फ़िल्म के लिये जो कहानी हमें चाहिये, वह अभी तक मिली नहीं है। ‘तारे ज़मीं’ के सीक्वल का निर्माण जारी: रेड सी इंटरनेशनल फ़िल्म फेस्टिवल में अपने साक्षात्मकार में आमिर ख़ान ने यह बता कही। उन्हें फेस्टिवल में लाइफ़ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया है। इस मौके वे उनसे पूछे गये सवालों का जवाब दे रहे थे। आमिर खान ने कहा कि अभी वे तारे जमीं पर फिल्म के सीक्वल में व्यस्त हैं। यह फिल्म एक तरह से कामेडी होगी और उन्हें उम्मीद है कि दर्शक इसे पसंद करेंगे।अच्छी स्क्रिप्ट मिलने पर ही करते हैं फिल्म: आमिर ने कहा, स्क्रिप्ट चुनते समय उनका एक ही आधार होता है कि स्क्रिप्ट उन्हें सचमुच एक्साइट करें, अपनी ओर खींचे। उन्होंने कहा कि वे पूरे मनोयोग से स्क्रिप्ट पढ़ते हैं और ज़्यादातर को रिजेक्ट कर देते हैं। वजह यह है कि वे एक साल में केवल एक ही फिल्म में काम करते हैं। वे स्क्रिप्ट चुनते हुए जोनर (प्रकार) की परवाह नहीं करते। बस जो स्क्रिप्ट उन्हें अंदर से उत्साहित कर दे, वे उसे चुन लेते हैं।फिल्म तय बजट में बने तो अच्छा: आमिर खान ने अपनी फिल्म निर्माण प्रक्रिया पर बोलते हुए कहा कि वे कोशिश करते हैं कि फिल्म निर्धारित बजट में पूरी हो सके। मैं नहीं चाहता कि जो पैसा लगा रहा है वह जोखिम उठाए। यदि फिल्म दस करोड़ में बन सकती हैं तो सौ करोड़ बजट की क्या जरूरत है।  उन्होंने कहा कि वे अपने पहले के कई अभिनेताओं से बहुत प्रभावित हैं। दिलीप कुमार,अमिताभ बच्चन, नसीरुद्दीन शाह,ओम पुरी जैसे अभिनेताओं ने बहुत उम्दा काम किया है। इन अभिनेताओं ने अभिनय का जो कीर्तिमान बनाया है, वह काबिले तारीफ है। मैंने उन लोगों से बहुत कुछ सीखा है।अगले दस सालों तक क्या करेंगे?: इस सवाल पर आमिर ने कहा, उनका प्रॉडक्शन हाउस देश की नौजवान प्रतिभाओं के लिए काम करेगा। उन्होंने कहा कि वे एक कमर्शियल अभिनेता हैं और उनकी फिल्में बड़े बजट की होती हैं, पर ‘लापता लेडीज’ जैसी फिल्मों को भी आगे बढ़ाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि उन्हें वे फिल्मकार पसंद है जो अच्छे सिनेमा के लिए जोखिम उठाते हैं। इसका सबसे बड़ा उदाहरण चेतन आनंद की फिल्म ‘हीर रांझा’ है। यह पूरी फिल्म पद्य में हैं। यहां तक कि पोस्टमैन भी अपने संवाद कविता में बोलता है। बिमल राय, गुरुदत्त और व्ही. शांताराम जैसे कालजयी फिल्मकारों ने जोखिम उठाकर महान फिल्में बनाई। समाज को संदेश भी दे सिनेमा : आमिर ने कहा, सिनेमा केवल मनोरंजन नहीं हो सकता, उसे समाज के लिए संदेश भी देना चाहिए। ‘थ्री इडियट’, ‘तारे जमीं पर’, ‘दंगल’ आदि ऐसी ही फिल्में हैं। उन्होंने मां के साथ बचपन के अनुभवों को याद करते हुए कहा कि वे जब बच्चे थे तो टेनिस खेलते थे और राज्य स्तरीय मैच जीत चुके थे। एक बार वे एक महत्वपूर्ण टेनिस मैच जीतकर लौटे तो उनकी मां ने पूछा कि मैच कैसा रहा। उन्होंने कहा कि वे मैच जीत गए हैं। चाय बनाते हुए उनकी मां ने कहा कि जो बच्चा मैच हार गया है। उसकी मां ने भी उससे पूछा होगा कि मैच कैसा रहा और उसने बताया होगा कि वह मैच हार गया है। तुम्हें उस बच्चे के बारे में सोचना चाहिए जो तुमसे मैच हार गया है। आमिर खान ने कहा कि वे जिंदगी भर अपनी मां की यह सीख याद रखे हुए हैं। एक अभिनेता में दूसरों के दुःख को महसूस करने की ताकत होनी चाहिए। तभी वह एक अच्छा कम्युनिकेटर बन सकेगा। मैं अपना टीवी भी ऑपरेट नहीं कर सकता: सिनेमा पर एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) के प्रभाव के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि वे टेक्नोलॉजी के बारे में बहुत सी बातें नहीं जानते। वे तो ठीक से अपना टेलीविजन भी नहीं ऑपरेट कर सकते हैं। सऊदी अरब में फिल्म बनाने के सवाल पर कहा कि उन्हें यह देश पसंद आया। वे यहां बार-बार आना चाहेंगे। यदि कोई अच्छी कहानी मिली तो वे यहां फिल्म ज़रूर बनाएंगे। (अजित राय अंतरराष्ट्रीय सिनेमा के विशेषज्ञ और प्रतिष्ठित कला एवं सिने समीक्षक हैं।) आगे पढ़िये- रेड सी फिल्म फेस्टिवल में आमिर ख़ान को मिले लाइफ़ टाइम अचीवमेंट अवार्ड पर पूरी रिपोर्टhttps://indorestudio.com/red-sea-film-festival-me-aamir-khan/

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