डॉ.भरत ने किया ठाणे पर लिखी कॉफ़ी टेबल बुक का विमोचन

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विशेष प्रतिनिधि, इंदौर स्टूडियो। मुंबई में संस्कृति मंत्रालय के सदस्य डॉ.भरत शर्मा ने विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा लिया। हाल ही में आपकी साउथ एशिया इंडस्ट्रीज डिपार्मेंट में बतौर महानिदेशक नियुक्ति भी हुई है। डॉ.भरत शर्मा ने यहां लेखक,जैज़ गिटारिस्ट और सिंगर जो अलवारिस की लिखी कॉफी टेबल बुक ‘ठाणे: दि इटरनल सिटी’ का विमोचन किया। श्री अलवारिस ने यह पुस्तक 25 साल के शोध के बाद लिखी है। दुनिया में मिलेगी ठाणे को नई पहचान: इस अवसर पर डॉ.भरत शर्मा ने लेखक को बधाई दी। उन्होंने कहा है कि इस पुस्तक से ठाणे शहर और उसके इतिहास को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिलेगी। दुनिया भारतीय संस्कृति के नये आयामों से परिचित होगी। उल्लेखनीय है लेखक अलवारिस की माँ ग्लैडीज़ अलवारिस एक समाजसेवी रही हैं। आज ठाणे शहर की मुख्य सड़क ग्लेडीज़ अलवारिस रोड के नाम से जानी जाती है।  इससे पहले श्री अलवारिस मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल पर भी कॉफी टेबल बुक लिख चुके हैं। विमोचन के अवसर पर मर्चेंट नेवी के रिटायर्ड कैप्टेन और मुंबई के वरिष्ठ बिल्डर एल्विन सलधाना, महाराष्ट्र ब्राह्मीण समाज के श्याम शर्मा, उद्योगपति पवन शर्मा, युवा उद्योगपति साहित्य शर्मा और महाराष्ट्र ताज होटल ग्रुप के प्रतिनिधि अस्ताद वाडिया प्रमुख रूप से मौजूद रहे।ब्राह्मण समाज उद्योगपतियों द्वारा सम्मान: डॉ.भरत शर्मा की नियुक्ति साउथ एशिया इंडस्ट्रीज डिपार्मेंट में महानिदेशक के पद पर होने पर ब्राह्मण समाज उद्योग जगत से जुड़े उद्योगपतियों द्वारा उनका सम्मान किया गया। इसमें समाज के अध्यक्ष और केबल इंडस्ट्री से जुड़े श्री पवन कुमार शर्मा, टेक्सटाइल इंडस्ट्रीज दीपेन मिश्रा राजेंद्र  शर्मा और रमाकांत जोशी, ट्रांसपोर्ट एवम् हैवी क्रेन इंडस्ट्री से वेद प्रकाश मदनलाल शर्मा आदि शामिल रहे। इस मौके पर अपने सम्बोधन में डॉ. शर्मा ने कहा कि मुंबई सपनों को साकार करने की नगरी है। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में मुख्यमंत्री श्री एकनाथ शिंदे शहर के विकास रथ को बखूबी प्रगति की दिशा दे रहे है। समाज को प्रेरित करने वाली फिल्में बनें: डॉ.भरत शर्मा ने मुंबई के होटल सहारा स्टार में आयोजित एक संगोष्ठी में भी हिस्सा लिया। आपने कहा- ‘भारतीय सिनेमा का उन्नत भविष्य समाज को प्रेरित करने वाले विषयों से संभव है। आज फिल्मांकन का स्तर तो काफ़ी उन्नत हो गया है, मगर फ़िल्मों के विषय चयन में समाज को संदेश देने का दृष्टिकोण में भी अभी काफी कमियां है। आज सपरिवार देखे जाने वाली फ़िल्मों की कमी को पूरा करने की ज़रूरत है। ऐसी फिल्में जो बेहतर सामाजिक संदेश भी दें।निर्देशक वीके सिंह ने किया स्वागत: संगोष्ठी में डॉ भरत शर्मा का स्वागत जर्मनी से आये इंडो-जर्मन कॉलेब्रेशन के प्रणेता वीके. सिंह ने किया। कार्यक्रम में वरिष्ठ फ़िल्म निर्माता – निर्देशक जवाहरलाल, कुमार मोहन, भूपी सचदेव, कमल मुकट, अमजद क़ुरैशी, हरीश जायसवाल, शैलेंद्र शुक्ला, सुधांशु शर्मा, धर्मेश मेहता, अभिषेक शर्मा और फ़िल्म लेखक संदीप नाथ, स्वानन्द किरकिरे, उभरते कलाकार विशाल मोहन आदि आमंत्रित थे। कार्यक्रम में नेपाल से आये उद्योगपति शिरीष मुरारका, कलकत्ता से आशीष धन्धातिया, मुंबई से सुषमा शर्मा, पूनम सिंह, सुश्री लता, सुश्री पूनम, अभिषेक सिंह, साहित्य शर्मा और मध्यप्रदेश से रवि बाहेती, आदि भी मौजूद रहे। (We are a non-profit website working in the interests of art and artists. Please help us financially by making a suitable donation to sustain our hard work. https://indorestudio.com/donate/)

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