राजेंद्र चावड़ा, इंदौर स्टूडियो। उज्जैन में कालीदास संस्कृति अकादमी के अभिरंग नाट्य गृह में नाटक ‘एक कुत्ते की मौत’ का मंचन किया गया। अंकुर रंगमंच की इस अभिनव प्रस्तुति में 25 बाल कलाकारों ने हिस्सा लिया। यह नाटक एक महीने चली बच्चों की कार्यशाला में तैयार किया गया। सत्यनारायण सारू की कहानी पर नाट्य रूपातंरण वरिष्ठ रंग निर्देशक हफ़ीज़ ख़ान ने किया। निर्देशन के साथ कार्यशाला का संचालन उनके प्रतिभाशाली सुपुत्र इवान ख़ान ने किया। पर्यावरण के प्रति चेतना जगाता नाटक: यह नाटक पर्यावरण एवं सामाजिक चेतना पर आधारित है। नाटक सड़क पर पड़े एक मृत कुत्ते को हटाने को लेकर हुए विवाद से शुरू होता है। धीरे-धीरे बात पंचायत, नगर निगम, राज्य सरकार तक पहुँच जाती है। यह मामला लोगों की दिलचस्पी का एक बड़ा मुद्दा बन जाता है। नाटक सामाजिक और राजनैतिक परिस्थितियों को दर्शाने के साथ ही एक आम आदमी की भूमिका पर भी सवाल उठाता है।
इन होनहारों ने किया अभिनय: नाटक में जिन बाल कलाकारों ने विभिन्न भूमिकाएं निभाई, उनके नाम हैं- जजा अहमद, आयुषी सिंह, निखिल घावरी, ऋषि योगी, दिव्य ननोरे, शांतनु भागचंदानी, रोहन बाथम, अल – हमजा, सावी शर्मा, मूसा खान, ईसा खान, चित्रांश गोमे, नक्षत्रा निगम, परम निगम, हर्ष विश्वकर्मा और अनिरुद्ध तिवारी। नाटक में संगीत अंशुल भटनागर ने दिया।
विशिष्ट अतिथियों ने देखा नाटक: इस नाटक की प्रस्तुति में नगर कांग्रेस अध्यक्ष रवि भदौरिया, बिहार सरकार के पूर्व कमिशनर डॉ. शिवाजी कुमार, वरिष्ठ पत्रकार एवं शिक्षाविद वरुण श्रीमाल तथा सेवाधाम आश्रम के संस्थापक, समाज सेवी सुधीर भाई गोयल मौजूद रहे। नाटक वरिष्ठ रंगकर्मी विश्वास शर्मा, अनिल परमार एवं माचकार बद्री पहलवान, अनिल पांचाल,शिक्षाविद श्रीमान ललित श्रीमाल और प्रोफेसर हरीश प्रधान जी की स्मृति में किया गया। आगे पढ़िये –