वरिष्ठ पत्रकार और साहित्यकार मुकुंद भंडारी का निधन

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अनिल कुमार धड़वईकाले, इंदौर स्टूडियो। इंदौर के रामबाग क्षेत्र के मार्तण्ड चौक के बाशिंदे रहे वरिष्ठ मराठी पत्रकार और उम्दा कवि कलमकर मुकुंद भंडारी का 96 की आयु में मुंबई में देहावसान हो गया l वे ख्यातनाम गायिका स्वर्गीय सुधाताई के पति थे। यह खबर मुझे उनके छोटे दामाद स्वर्गीय डॉ. सुगंधा भंडारी के पति मिलिंद देहाडराय ने भरे गले से दी l स्व.भंडारी के इंदौर निवासी भांजे-भांजी बीती रात ही मुंबई जा चुके हैं l सादगी पसंद और मितभाषी व्यक्तित्व: मेरे और स्व. भंडारी के पांच दशक से घनिष्ठ संबंध थे l मेरे घर से चंद कदमों के फांसले पर उनका घर होने से मेरा उनके घर नियमित रूप से जाना होता थाl इसके अलावा मेरे महाराष्ट्र साहित्य सभा का सचिव रहने के दौरान वे मेरे मार्ग दर्शक रहे। साथ ही वे मराठी भाषा रक्षण समिति के संस्थापक सलाहकार भी थे l पांच भाषाओं पर प्रभुत्व रखने वाले स्व.भांडारी शांत-सौम्य,सादगी पसंद और मितभाषी उच्च शिक्षित व्यक्ति थे l वे इंदौर के श्रम आयुक्त कार्यालय से ऑफिस सुप्रिटेंडेंट और लेबर ऑफिसर पोस्ट से सेवा निवृत्त थे lशिक्षा के लिये 1942 में इंदौर आये थे: उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र के नासिक जिले के मुल्हेर गांव में 1929 को जन्मे मुकुंद भंडारी 1942 में शिक्षा पाने इंदौर आये थे l तब उनकी माली हालात कमज़ोर थी। जीवन में कल्पना से परे संघर्ष किया था l बाद में इंदौर को ही उन्होने अपनी कर्मभूमि मानकर पत्रकारिता, संस्कृति और सामाजिक कार्य के क्षेत्र में, विशेषकर मराठी भाषी क्षेत्र में अपनी खास अस्तित्व बनाया था l उन्होंने वर्ष 1967 से महाराष्ट्र के सर्वाधिक लोकप्रिय मराठी दैनिक महाराष्ट्र टाइम्स (मुंबई) के लिए खबरें भेजना शुरू किया था l इस वजह से इंदौर के मराठी लोगों की सामाजिक गतिविधियों और प्रतिभाओं की जानकारी महाराष्ट्र और अन्य प्रदेशों के मराठी भाषियों को लगभग 45 साल तक नियमित मिलती रही l इसके सिवा आलेख भी लिखते थे l उनके अभिनंदन समारोह का सौभाग्य मिला: इस संदर्भ मै स्वयं को भाग्यशाली मानता हूं कि मेरे संयोजन में म.सा.सभा भवन में उनका विशेष अभिनंदन समारोह आयोजित किया गया था l उनके प्रथम मराठी काव्य संग्रह “काडीचा आधार” का लोकार्पण कार्यक्रम भी मेरे संयोजन में मराठी भाषा रक्षण सामिती के बैनर तले वैदिकाश्रम भवन में हुआ था l इस कार्यक्रम में अंतरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त दार्शनिक व साहित्यकार जी.वि.कविश्वर और पुणे के नामचीन लेखक आनंद यादव उपस्थित थे।विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं के लिये लिखा: वे धर्म भास्कर (मुंबई), समाज चिंतन और श्री सर्वोत्तम (इंदौर) मराठी साप्ताहिक “मी मराठी” आदि में भी नियमित रूप से लिखते हैं। वे शुरू से ही इंदौर आकाशवाणी केंद्र से प्रसारित मराठी कार्यक्रमों से जुड़े रहे। व्याख्यान, संगोष्ठियों, साक्षात्कार आदि के प्रसारण में सक्रिय भागीदारी की l उन्होंने 1987 में इंदौर में आयोजित अखिल भारतीय मराठी नाट्य सम्मेलन के प्रचार विभाग के प्रमुख के रूप में उल्लेखनीय योगदान दिया। 2001 में इंदौर में आयोजित अखिल भारतीय साहित्य सम्मेलन की स्मारिका समिति के विशेष सदस्य थेl मराठी विषय हटाने के आंदोलन में साथ दिया: ‘मिलाफ इथे मळवाटांचा’ नाम की इस महाराष्ट्र साहित्य सभा द्वारा प्रकाशित प्रतिनिधि कविता संग्रह के संपादकीय मंडल में थे l ख्यातनाम संगीतज्ञ स्व.मामा साहेब मुजूमदार अभिनंदन समारोह के वे संयोजक भी रहे l 1965 में मध्य प्रदेश शासन द्वारा माध्यमिक पाठ्यक्रम से मराठी विषय अचानक हटाने के प्रदेश शासन के निर्णय खिलाफ मैंने मराठी भाषा रक्षण समिति के साथ राजबाड़ा चौक में आंदोलन और अमरण अनशन भी किया था l उस अभियान में प समय स्व. भांडारी मेरे साथ रहे थे l साहित्यिक सामाजिक और पत्रकारीता क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देनेवाले आदर्श और प्रेरणादायी शख्स को भावपूर्ण आदरांजली। आगे पढ़िये – देशभक्ति की फिल्मों के लिये हमेशा याद किये जायेंगे मनोज कुमार – https://indorestudio.com/deshbhakti-ki-film-manoj-kumar/

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