यादगार रहा पहला बबलगम चिल्ड्रन फ़िल्म फेस्टिवल

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पकंज वर्मा, इंदौर स्टूडियो। 35 दिलचस्प बाल फिल्मों का प्रदर्शन और बच्चों की जिज्ञासाओं को शांत करती मास्टर क्लासेस। यह था, बबलगम इंटरनेशनल चिल्ड्रन फ़िल्म फेस्टिवल (BICFF)। फेस्टिवल का पहला संस्करण बच्चों के लिये यादगार बन गया। उन्होंने इस दौरान बहुत कुछ सीखा और जाना। सकारात्मक भावों और अच्छे संदेशों वाली फ़िल्मों का जमकर मज़ा लिया। उनपर चर्चा भी की। फेस्टिवल का दिल्ली पब्लिक स्कूल-जीबीएन में समापन हुआ। यह स्कूल नोएडा के सेक्टर 132 में मौजूद हैं। चार दिन चले इस फेस्टिवल में सिनेमा और कला से जुड़े कई पेशेवर शामिल हुए। समापन दिवस पर फिल्म ‘बिन्नी एंड फैमिली’ का प्रदर्शन हुआ। फिल्म के कलाकार बाल दर्शकों से मिलने पहुँचे। ईरानी-जॉर्जियाई फिल्म मेकर बनी अतिथि: फेस्टिवल के शुभारंभ समारोह में ईरानी-जॉर्जियाई फिल्म मेकर डॉ.लैला मुस्ताफ़ी शामिल हुईं। उनके साथ ही फिल्म और कला के विभिन्न क्षेत्रों में अपनी विशिष्ट पहचान रखने वाले क्रमश: गौरव द्विवेदी, रेखा गुप्ता, रंजना यादव, शकील अख़्तर, आशीष कौल और प्रफुल्ल केतकर शामिल हुए। उनकी उपस्थिति ने कार्यक्रम को यादगार बना दिया और छात्रों को इन दिग्गजों के साथ बातचीत करने का अनुपम अवसर मिला।शॉर्ट फिल्मों के साथ फीचर फ़िल्म: पहले दिन राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय लघु फिल्मों के साथ ही एक फीचर फिल्में भी दिखाई गई, जिससे छात्रों को एक समृद्ध सिनेमाई अनुभव मिला। इसके बाद दो दिलचस्प इन कन्वर्सेशन सेशन हुए: एक लीला मुस्तफी के साथ, जिसका संचालन मुर्तजा अली खान ने किया, जहाँ छात्रों को अंतर्राष्ट्रीय फिल्म निर्माण के बारे में जानकारी मिली, और दूसरा प्रियंका जोशी हैट के साथ, जिसका संचालन आदित्य दीपिका ने किया। फ़िल्म निर्माण की मास्टर क्लास: दूसरे दिन की शुरुआत दो लघु फ़िल्मों के साथ हुई, उसके बाद फ़ीचर फ़िल्म ‘छोटा भीम’ और ‘द कर्स ऑफ़ दमयान’ दिखाई गई, जो छात्रों और वयस्कों दोनों को बेहद पसंद आई। इस रोमांचकारी एनिमेटेड एडवेंचर ने सभी को एक साथ लाकर, प्रशंसकों की पसंदीदा कहानी का जश्न मनाया। दिन की शुरुआत दो और लघु फ़िल्मों के साथ हुई, जिससे उत्साह की गति बनी रही।मोबाइल से फ़िल्म बनाने की क्लास: दिन का मुख्य आकर्षण ‘व्हिसलिंग वुड्स’ के सौरभ कुमार के नेतृत्व में एक व्यावहारिक मोबाइल फ़िल्म निर्माण मास्टरक्लास था। छात्रों ने अपने मोबाइल फ़ोन का उपयोग करके लघु फ़िल्में बनाना सीखा, जिससे उन्हें व्यावहारिक फ़िल्म निर्माण कौशल प्राप्त हुआ, जिससे रचनात्मकता और जिज्ञासा जागृत हुई। सेना से जुड़ाव और फिल्मी मस्ती: तीसरे दिन एक शक्तिशाली बंधन-निर्माण क्षण था जब कर्नल तेजेंद्र पाल त्यागी भारतीय सेना का प्रतिनिधित्व करने के लिए पहुंचे। उनकी उपस्थिति, उनकी वीरता की कहानियों के साथ, छात्रों को राष्ट्रीय गौरव और साहस के महत्व को समझने में मदद की। उनका दौरा उत्सव के मुख्य आकर्षणों में से एक था, जिसने सेना और छात्रों के बीच एक मजबूत संबंध को बढ़ावा दिया। इस दिन प्रिंसिपल सुप्रीति चौहान द्वारा आमंत्रित बच्चों ने भी फिल्मों का आनंद लिया। अर्चना गुप्ता और सुनयना कट्टा (फेस्टिवल डायरेक्टर) के साथ एक विशेष बातचीत हुई। बाद में एनएसडी के मनु झा ने एक्टिंग की क्लास में बच्चों को मूल्यवान जानकारी दी। परिवार दिवस पर खुलकर हुई चर्चा: BICFF का अंतिम दिन परिवारों के बारे में था, जिसकी शुरुआत छात्रों पर OTT प्लेटफ़ॉर्म के प्रभाव पर एक आकर्षक पैनल चर्चा से हुई, जिसका नेतृत्व आशीष कौल और छात्रों ने किया। इसमें दिल्ली पब्लिक स्कूल के शिक्षकों ने सक्रिय रूप से योगदान दिया। इसमें डिजिटल प्लेटफॉर्म और उनकी चुनौतियों को लेकर गहन बातचीत हुई।बिन्नी एंड फैमिली की स्क्रीनिंग: चौथे दिन का मुख्य आकर्षण ‘बिन्नी एंड फैमिली’ की स्क्रीनिंग थी, जो एक बहु-पीढ़ी की गाथा है, जिसमें युवा और पुरानी पीढ़ियों के बीच संघर्ष को खूबसूरती से दर्शाया गया है। यह फिल्म माता-पिता और दादा-दादी के साथ गहराई से जुड़ी, जिन्होंने इसके दिल को छू लेने वाले संदेश की सराहना की। स्क्रीनिंग के बाद, ‘बिन्नी एंड फैमिली; के कलाकार- राजेश कुमार, चारु शंकर और नमन त्रिपाठी ने आदित्य दीपिका द्वारा संचालित एक आकर्षक इन कन्वर्सेशन सेशन में भाग लिया, जिसमें फिल्म के निर्माण के बारे में जानकारी दी गई। आगे पढ़िये – कहां पर चढ़ा रूहानी संगीत का रंग- https://indorestudio.com/deep-parv-par-ruhani-sangeet/

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