यादगार गीतों की सजी महफ़िल, डॉ.गावड़े का हुआ सम्मान

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कला प्रतिनिधि,इंदौर स्टूडियो। संगीत श्रोता बिरादरी और अभिनव कला समाज ने इंदौर में स्व.लता मंगेशकर और आशा भोसले के गाये यादगार गीतों का कार्यक्रम आयोजित किया। कार्यक्रम में शहर के प्रतिभाशाली गायकों ने दोनों ही गायिकाओं के एक बढ़कर एक गीतों को आवाज़ दी। इस सुरीले आयोजन में श्रोता बिरादरी के एक साल पूरा होने का जश्न भी मनाया गया। साथ ही संगीत के क्षेत्र में शोध और विशिष्ट सेवाओं के लिये डॉ.विवेक गावड़े का सम्मान भी किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ उस्ताद अलाउद्दीन खां संगीत एवं कला अकादमी के निदेशक जयंत भिसे, ग्वालियर घराने के ख्यात गायक पंडित सुनील मसूरकर और डॉ. विजय गावड़े ने किया। कार्यक्रम में स्टेट प्रेस क्लब के अध्यक्ष प्रवीण खारीवाल भी मौजूद थे।शास्त्रीय संगीत से हुई शुरूआत: कार्यक्रम की शुरुआत डॉ. शिल्पा मसूरकर के गाये शास्त्रीय राग मधुवंती से हुई। हारमोनियम पर डॉ.विजय गावड़े और तबले पर मृणाल नागर ने साथ दिया। इसके बाद स्व.लता मंगेशकर और आशा भोसले जी के गाये गीतों का सिलसिला शुरू हुआ। कार्यक्रम में अतिथि कलाकार श्रद्धा जगताप, सिमरजीत कौर, राजेंद्र गलगले ने भरपूर दाद बटोरी। साथ ही बिरादरी के मोइन खान, नेहा ठाकुर, अंजली कीर्तने, डॉ नरेन्द्र उपाध्याय, हर्षवर्धन नाड़कर, निहाली चौहान ने भी अपने गायिकी से दर्शकों को बेहद प्रभावित किया।सुपरहिट गीतों की सजी महफ़िल: सबसे पहले सत्यम शिवम सुंदरम गीत नेहा ठाकुर ने पेश किया। डॉ शेखर इंगले ने सिंथेसाइज़र पर और विष्णुकांत शर्मा ने हॉर्मोनिका पर गीत पेश किए। बाद में लता और आशा के गाये गीतों की झड़ी लगी, इनमें ‘बेताब दिल की तमन्ना, ओ सजना बरखा आयी, हम प्यार में जलने वालो को, बीते न बिताई रैना,रहे न रहे हम महका ,जहाँ पे सबेरा हो बसेरा ,ये दिल तुम बिन कही ,कोरा कागज था ये मन, ओ साथी रे भूल न जाना, चैन से हमको कभी आपने , बाहों में चले आओ, क्या जानू सजन , अभी न जाओ छोड़कर, बय्या ना धरो ओ बलमा,पत्ता पत्ता बूटा बूटा, सारा प्यार तुम्हारा,रस्मे उल्फत को निभाये,तुम मुझे यू भूला न पाओगे, वादा करले साजना, आपकीं आखों में कुछ और नाम गुम जाएगा’ जैसे कई यादगार और सुपरहिट गीत शामिल रहे।डॉ. विवेक गावड़े का हुआ सम्मान: कार्यक्रम के दूसरे हिस्से में डॉ विवेक गावड़े के सम्मान समारोह हुआ। इसमें डॉ.विवेक गावड़े की 50 वर्षों के संगीत सफर और शोध पर और उनके ऑटो मोबाइल्स के 35 वर्षों की मेहनत पर प्रकाश डाला। 15 वर्षों की गहन मेहनत से संगीत और स्वास्थ पुस्तक की रचना की। इसमें व्यक्ति के राशियों पर बीमारी पर रागों के गीतों से उपचार पर विवेचनात्मक अध्ययन है। इसके लिए उन्हें देश-विदेशों से सम्मानित किया गया हैं।संगीत से जुड़ा बहुमूल्य संग्रह: डॉ.गावड़े के संगीत के खजाने में 3 लाख से अधिक गीत और संगीत कैसेट्स, सीडीज, पुस्तकों, रेकॉर्ड का बहुमूल्य कलेक्शन है। उन्होंने घर को ही संग्रहालय का रूप दे दिया है। उन्होंने इसका श्रेय अपनी पत्नी प्रिया गावड़े को दिया। उन्हें और उनकी पत्नी प्रिया गावड़े को सम्मानित किया पंडित सुनील मसूरकर, बुन्दू खाँ, प्रवीण खारीवाल अध्यक्ष अभिनव कला समाज,दुगड़ डिस्ट्रीब्यूटर के अनिल दुगड़, मनोज जैन ने। सभी संगीत रसिकों ने खड़े होकर करतल ध्वनि से स्वागत किया। संगीत श्रोता बिरादरी की सालगिरह: श्रोता बिरादरी के 1 साल पूरे होने का जश्न भी मनाया गया। सभा में अभिषेक गावड़े, विजय गावड़े, राजेंद्र कौशिक, लक्ष्मीचंद वर्मा, डॉ संजय अहिरकर, प्रवीण पंडित ,नूपुर पंडित, स्मिता मौक़ाशी, रश्मि नाड़कर, हर्षवर्धन लिखिते, रश्मि ओगदे, श्रीकांत काशीकर, श्रीधर कामत, श्रीनिवास पुजारी, जितेंद्र चौहान, अंजली मसूरकर, योगेश्वर कान्हेरे, मिलिंद गुप्ते भी मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन संगीता लोंढे ने किया और आभार दीप हरियानी ने माना। आगे पढ़िये –

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