महिलाओं और बुज़ुर्गों की दुर्दशा पर केंद्रित दो नाटक

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कला प्रतिनिधि, इंदौर स्टूडियो। प्रासंगिक संस्था की दिल्ली इकाई द्वारा ‘उसके साथ’ और ख्वाब’ का मंचन हुआ। दोनों ही नाटक दिल्ली के द्वारका सेक्टर चार की इस्पातिका सोसायटी में अभिनीत हुए। महिलाओं और बुज़ुर्गों की दुर्दशा पर केंद्रित इन नाटकों का लेखन और निर्देशन आलोक शुक्ला ने किया। उन्होंने दोनों नाटकों में अभिनय भी किया। रूमा रजनी ने निभाई मुख्य भूमिका: नाटक ‘उसके साथ’ में मुख्य भूमिका रूमा रजनी ने निभाई। वे इस नाटक के मंचन के लिये मुंबई से दिल्ली पहुँची। नाटक में उनके सशक्त अभिनय के साथ आलोक शुक्ला, विजय लक्ष्मी और आराध्या ने भी अपनी भूमिकाओं के साथ न्याय किया। यह नाटक समाज में महिलाओं की विकट स्थितियों पर आधारित है। एकल नाटक ‘ख़्वाब’ का मंचन: इसके बाद समाज में बुजुर्गों की दुर्दशा पर आधारित एक घंटे के एकल नाटक ‘ख्वाब’ का मंचन हुआ। इस नाटक में आलोक शुक्ला खुद ही मुख्य भूमिका निभाते हैं। वे अपने किरदार को भी पूरी शिद्दत से जीते हैं। नाटक में ओल्ड एज होम अटेन्टड की भूमिका अभ्युदय मिश्रा ने निभाई। उन्होंने अंतरात्मा की आवाज़ को स्वर भी दिया। जबकि पत्नी की आवाज रुमा रजनी ने दी।एमपी सिंह के सौजन्य से प्रस्तुति: दोनों ही नाटकों में संगीत अभ्यूदय मिश्रा ने दिया, प्रकाश सज्जा निशांत और मंच सज्जा प्रताप सिंह की रही। प्रस्तुति में नीतू शुक्ला, अंकिता पटनायक, टेकचंद, मृदुल कुमार और विकास कुमार तथा ड्रामाटर्जी ग्रुप का सहयोग रहा। द्वारका में ये प्रस्तुति एमपी सिंह और उनके ग्रुप रंगश्री के सौजन्य से की गई। आगे पढ़िये– मुंबई में मुंशी प्रेमचंद की 22 कहानियों का 22 भाषाओं में मंचन – https://indorestudio.com/mumbai-me-munshi-prechand-ki-22-kahani/

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